हम तो अकेले ही चले तो जानिब ए मंज़िल मगर लोग जुड़ते गए और कारवाँ बनता गया। ऐसा साबित करके दिखाया है सागर के युवाओं ने जो इस महामारी जैसे संकट भरे समय में सोशल प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों की दिन रात मदद कर रहे हैं। इनका मकसद धर्म मज़हब से काफी ऊपर उठकर है। जी हां सबसे पहले सागर के नैतिक चौधरी ने ज़ीशान खान से सलाह कर टूगेदर फ़ॉर ह्यूमैनिटी नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया उसमें नौजवानों को एड किया और जुट गए लोगों की मदद करने में, अभी तक ये युवक कई सारे लोगों तक मदद पहुंचा चुके हैं। इसमें शामिल युवा हर समय एक्टिव रहते हैं चाहे दिनों हो या रात जैसे ही किसी का मदद के लिए कॉल या ग्रुप में मैसेज आता है तो जुट जाते हैं उसे सहायता पहुंचाने में, जिसमें दवाइयां, ऑक्सीजन, ऑक्सिमीटर, ब्लड डोनेट, किसी मरीज को बेड की जरूरत या फिर किसी भी तरह की कोई परेशानी होने पर ग्रुप में बात होती है। और ये संबंधित की जान बचाने में जुट जाते हैं। इनका मानना ये है कि किसी की भी जान की कीमत बहुत ज्यादा होती है इसलिए लोगों की बढ़ चढ़कर मदद कर रहे हैं। नैतिक चौधरी बताते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहायता करने की कोशिश है। लोग इससे जुड़े और मदद करें। वहीं ज़ीशान खान का कहना है कि बड़े शहरों से लोग आकर जरूररमंदों की मदद कर रहे हैं इसलिए सागर में भी इसी तरह का प्रयास किया और लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं।---
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