मिट्टी बर्तन बनाने वालों पर लगा कोरोना का ग्रहण, सरकार से मदद की दरकार
सागर जिले में पिछले 15 दिनों से लगा कोरोना कर्फ्यू छोटे दुकानदारों के लिए मुसीबत बन गया है रोज कमाने वाले छोटे दुकानदार कोरोना कर्फ्यू में आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, कोरोना कर्फ्यू में लगातार बाजार बंद रहने से छोटे दुकानदार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, पिछले साल भी कोरोना में लॉकडाउन के चलते मिट्टी के बर्तन बनाकर बेचने वाले प्रजापति समाज के लोग ज्यादा कुछ कमा नहीं पाए और इस बार भी नवरात्रि के पहले से ही कोरोना कर्फ्यू होने के कारण मिट्टी के बर्तन बनाकर परिवार के लिए दो जून की रोटी कमाने खाने वाले प्रजापति समाज के लोग परेशान हैं गर्मी के दिनों में देसी फ्रिज कहे जाने वाले मिट्टी के घड़े और वर्तन बेकार पड़े हुए हैं मिट्टी के कारीगरों ने यहां वहां से पूरी जुगाड़ कर मिट्टी के घड़ मटके सुराही बना तो लिए लेकिन इनकी बिक्री का समय आया तो करो ना कर्फ्यू में धंधा चौपट हो गया, मिट्टी के घड़े और बर्तन बेचकर ही प्रजापति समाज के लोग गुजारा करते हैं,लेकिन कोरोना कर्फ्यू के चलते बाजार बंद हैं और लोग घरों में है मिट्टी के बर्तन बनाने वालेे कारीगरों ने शासन से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए, सुरक्षित तरीके से, हाथ ठेला पर फेरी लगाकर, मिट्टी के घड़े और बर्तन बेचने की अनुमति मांगी है।