मजदूरों ने खेत को बनाया क्वारेंटाइन सेंटर, राजस्थान से लौटे है युवक
राजस्थान से सागर लौटे युवाओं ने खेत को बनाया क्वारेंटाइन सेंटर, 14 दिन के लिए गांव के बाहर ही रुके मध्यप्रदेश के साथ सागर में भीकोरोना संक्रमण बेकाबू हो गया है। इस बार संक्रमण ने गांवों को भी चपेट में ले लिया है। ऐसे में गांवों में अब कोरोना को लेकर जागरुकता नजर आने लगी है। ग्रामीण स्वयं आगे आकर वायरस से बचाओ की पहल कर रहे हैं। ऐसा ही मामला सागर के खामखेड़ा गांव में देखने को मिला। गांव के पांच युवक मजदूरी करने राजस्थान के अलवर गए थे, लेकिन वहां कोरोना कर्फ्यू के बाद युवक वापस गांव लौट आए। गांव और परिवार वाले और गांव संक्रमण से सुरक्षित रहें, इसलिए खुद को खेत में क्वारैंटाइन कर लिया। खेत में युवक पेड़ के नीचे ही दिन और रात बिता रहे हैं। परिवार वाले उन्हें रोजाना पॉलीथिन में खाना ले जाकर दे जाते हैं। इस दौरान युवक खेत से बाहर नहीं आते। यहीं मोबाइल चला कर और सोकर समय बिता रहे हैं। मजदूर दयाशंकर बताते हैं कि वह मजदूरी करने गांव के जोगेंद्र, नीरज, प्रदीप और प्रेमलाल के साथ अलवर गया था, लेकिन लॉकडाउन होने पर वापस 24 अप्रैल को गांव लौट आए। वह सीधे घर नहीं गए। घर में क्वारैंटाइन होने की व्यवस्था नहीं थी। स्कूल में रुकना नहीं चाहते थे, ऐसे में संक्रमण से किसी को खतरा न हो, इसलिए खुद को खेत में जाकर क्वारैंटाइन कर लिया।