काेराेना मरीजाें काे रेमडेसिविर इंजेक्शन कई गुना ज्यादा दाम पर बेचने वाला मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हर्षित केशरवानी खुद उसी बीमारी की चपेट में आ गया है। जेल में दाखिल करने से पहले उसका काेराेना टेस्ट कराया गया था। जिसकी रिपाेर्ट पाॅजीटिव आई है। गनीमत यह रही कि केंद्रीय जेल सागर में उसे अलग सेल में रखा गया था। जिससे काेई दूसरा कैदी व जेल कर्मी संपर्क में नहीं आ पाया। वहीं एमआर काे इंजेक्शन की कालाबाजारी करते रंगे हाथ पकड़ने के लिए स्टिंग में शामिल पुलिस कर्मी और उसके साथी का टेस्ट कराया गया है।
आराेपी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज करते हुए कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। आराेपी के खिलाफ पहले से धारा 188,420, धारा-3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम, धारा-53, 57 आपदा प्रबंधन अधिनियम,और धारा 3 महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज है। जानकारी के अनुसार रासुका के तहत कार्रवाई हाेने पर आराेपी काे जमानत मिल पाना मुश्किल हाेगा। अब हाईकाेर्ट इस मामले में सुनवाई कर सकता है।
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