दो साल पहले जिसे मार दिया अब वो भटक रहा अपने ज़िंदा होने का सबूत लेकर !
एक युवक जिसे दो साल पहले कागजों में ही मार दिया अब वो अपने जी द होने का सबूत दे रहा है एमपी के अशोकनगर से सामने आया ये मामला काफी चौंकाने वाला है। कुछ ऐसा ही नजारा आप एक फ़िल्म कागज में देख चुके होंगे जो सत्य घटना पर आधारित है। उसमें एक व्यक्ति अपने जीवित होने का प्रमाण दफ्तर दर दफ्तर जाकर देता है। ऐसा ही सिस्टम से संघर्ष करता हुआ एक शख्स अशोकनगर में भी है। लेकिन वो कह रहा है मैं ज़िंदा हूँ। कलेक्ट्रेट में घूम रहा ये शिवकुमार है। जो चंदेरी तहसील के ख़िरका टांका गांव का रहने वाला है वो सरकार से गुहार लगा रहा है और जिंदा होने का सबूत दे रहा है। बताया गया कि उसे 2019 में सरकारी आंकड़ो में मृत घोषित कर दिया गया था। यह बात उसे तब पता चली जब वह उनकी पत्नी की प्रसूता सहायता योजना के तहत राशि निकलवाने गया। वहां से उसे जवाब मिला कि आप मर चुके हो अब आपको मदद नही मिल सकती। यह बात सुनकर शिवकुमार के पैरों तले जमीन खिसक गई। लेकिन जब दफ्तरों के चक्कर लगाए और वहां से उसे मृत घोषित कर दिया गया तो फिर शुरू हुआ एक जीवित व्यक्ति के खुद को जीवित साबित करने का संघर्ष।
उसने गांव के मंत्री, पटवारी,सरपंच सभी को बोला लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। शिवकुमार आखिरकार कलेक्ट्रेट आया और अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई। जहाँ उन्होंने शिवकुमार को न्याय दिलाने की बात कही।
इस मामले में डिप्टी कलेक्टर सुरेश जाधव का कहना है कि जांच कराकर शिवकुमार को न्याय दिलाएंगे।