झोलाछाप डॉक्टरों की सील की गई क्लीनिक की चाबी लौटाई तो बीएमओ का इस्तीफा डॉ. गए हड़ताल पर ! || STVN
अशोकनगर जिले के शाढ़ौरा तहसील अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ शिवराज सिंह भदौरिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ में बाकी डॉक्टर और स्टाफ भी हड़ताल पर आ गए। बीएमओ शिवराज सिंह ने एक पत्र क्षेत्रीय सांसद और कलेक्टर को लिखा जिसमें उन्होंने लिखा कि 20 मई 21 को सीएमएचओ हिमांशु शर्मा के औचक निरीक्षण में शाढ़ौरा नगर में चार बंगाली डॉक्टर की दुकानों का निरीक्षण के दौरान दुकानें सील की गई थी। चार डॉक्टरों पर सीएमएचओ ने एफ आई आर दर्ज कराने की मौखिक निर्देश भी दिए थे। इस संबंध में हमने पुलिस को एक पत्र भी लिखा था आज मेरे मोबाइल पर विधायक जजपाल सिंह का फोन आया जो कहने लगे कि चारों बंगाली डॉक्टरों की दुकानों की चाबी उन्हें सौंप दी जाए जो सील की गई थी। बढ़ते राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण में और मेरे सभी कर्मचारी सरकारी दायित्व निर्वाहन ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं और सरकारी कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है इसलिए उनके प्रभार का चार्ज किसी दूसरे चिकित्सक को दे दिया जाए। और उन्हें मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्य करने की अनुमति किसी दूसरी जगह दी जाए।
मामले में सीएमएचओ का कहना है कि बीएमओ शाढ़ौरा द्वारा विधायक पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो निराधार हैं। कोई राजनीतिक दवाब नहीं बनाया जा रहा। क्लीनिक उन्होंने सील की थी। लेकिन लोग डर के कारण अस्पताल न आकर वहीं से दवाइयां लेते हैं उनकी मांग थी इसलिए कुछ समय के लिए दुकानें खोली गयी है। सीएमएचओ बोले कि इस्तीफा ऐसे नही दिया जाता उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया वह अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।
तो हड़ताल करने वाले डॉ. शैलेंद्र रघुवंशी का।कहना है कि गांव के लोगो की शिकायत आती थी बंगाली डॉक्टर बहुत गलत इलाज कर रहे है उनके कारण बहुत लोग मर रहे है। उनके पास कोई कागज नहीं है। सीएमएचओ ने उनकी जांच की उनके पास कोई वैदिक कागज नहीं थे न कोई डिग्री मिली। सीएमओ के आदेश पर कार्रवाई की थी। राजनैतिक दबाव के चलते चाबी वापिस करने की बात कही जिससे हमें शर्मिंदगी महसूस हुई। जी जान से जुटे हैं। परिवार भी पॉजिटिव हुआ।
लेकिन बंगाली डॉक्टर आए और हमारी क्या इज्जत रही उनके सामने।
इस पूरे मामले में विधायक जजपाल सिंह से फोन पर बात की गई जहां उनक कहना है कि उन्होंने किसी तरह का दवाब नहीं बनाया।