तू किसी रेल सी गुजरती है, मैं किसी पुल सा थरथराता हूं। तू भले रत्ती भर ना सुनती है, मैं तेरा नाम बुदबुदाता हूं। दुष्यंत कुमार की कविता की चंद लाईने एमपी के बुरहानपुर में हुए एक हादसे के बाद ताजा हो गई है, जिले के जंगल में स्थित चांदनी रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग पुष्पक एक्सप्रेस की तेज रफ्तार से गुजरने के दौरान हुए कंपन से भरभराकर गिर गई। कविता और खबर मे पुल और भवन का फर्क है, लेकिन गनीमत रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ, बुधवार को हुई इस घटना को लेकर बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त ट्रेन की स्पीड करीब 110 किमी प्रति घंटे थी और वह हर दिन लगभग इसी रफ्तार से गुजरती है। देश में संभवतः यह ऐसी पहली घटना है, जिसमें रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग ट्रेन गुजरने से गिरी हो। यह बिल्डिंग केवल 14 साल पुरानी है।
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