ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। हालांकि इस साल भी कोरोना की वजह से ज्यादा धूमधाम नहीं रही और लोगों ने अपने घरों में ही रहकर पूजा की। सागर के रानीपुरा स्थित गंगा मंदिर में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए स्थानीय लोगों की मौजूदगी में पूजा अर्चना की गई। इस मौके पर दिलीप बाबू रैकवार गौरीशंकर रैकवार पुजारी लोकेश रैकवार आकाश रैकवार हैमंत रैकवार और नितिन रैकवार मौजूद थे।
पौराणिक मान्यता के मुताबिक गंगा दशहरा के दिन ही ऋषि भागीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा धरती पर आईं थीं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र गंगा में डुबकी लगाने वाले भक्त के सारे पाप कर्मों का नाश होता है और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा पर मां गंगा के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
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