मानसून ने कुछ दिन पहले भले ही दस्तक दे दी हो लेकिन फिलहाल वैसी बारिश नहीं हुई जैसे की उम्मीद थी। उमस से लोग परेशान हैं। बरसात मानो जैसे थमी हुई है। एक्सपर्ट की मानें तो इसके मुख्य कारण विंड पैटर्न का सपोर्ट नहीं करना, लो प्रेशर एरिया ठीक से नहीं बन पाना है। जो सिस्टम बने, उनका जल्दी से वीक होना, या फिर उनका मूवमेंट ठीक नहीं होना भी इसकी बड़ी वजह है। जानकारी के मुताबिक सिर्फ 8 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई है। तो 8 जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा 50% से भी कम है। कभी पूर्वी तो कभी पश्चिमी मप्र में बारिश हुई लेकिन भारी बारिश नहीं हुई। कई जिले ऐसे हैं जहां औसत से आधी बारिश भी नहीं हुई है। इस साल ज्यादा बारिश के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ मालवा-निमाड़ भी तरस रहा है। कुछ समय पहले एक कम दबाव का क्षेत्र बना था। लेकिन हवा की दिशा ठीक न होने से वो बिहार की तरफ बढ़ गया। झारखंड में भी एक सिस्टम डेवलप हुआ, लेकिन मूवमेंट तेज होने से यह एक ही दिन में मप्र काे क्रॉस करता हुआ गुजरात पहुंच गया। इसलिए बारिश नहीं हुई। एक्सपर्ट का ऐसा कहना है की बंगाल की खाड़ी में 20 जुलाई के बाद एक सिस्टम बन रहा है। जिससे बारिश की संभावना बन रही है।
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