मोबाइल का टॉर्च जलाकर कराई डिलीवरी मॉडल प्रसव केंद्र में 8 दिन से बिजली गुल
सरकार भले ही अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लाख दावे करे, लेकिन हकीकत इससे जुदा है। इसकी तस्वीर देखने को मिली शिवपुरी जिले के झिरी प्रसव केंद्र में। रात 8 बजे एक गर्भवती प्रसव करवाने अस्पताल पहुंची थी, लेकिन 8 दिन से अंधेरे में डूबे अस्पताल में डिलिवरी करवाने के लिए उजाले की व्यवस्था नहीं थी। गर्भवती की हालत बिगड़ती देख मोबाइल और मोमबत्ती की रोशनी में डिलीवरी करवाई गई। ऑपरेशन चलने तक परिजनों की सांसें सांसत में रहीं। वहीं, पूरे मामले में अधिकारियों का जवाब है कि उन्हें इस बारे में पता ही नहीं है।भदरौनी गांव के रहने वाले पति आनंद राव ने बताया कि शाम करीब 6 बजे पत्नी अनारकली (25) को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद उसे झिरी के प्रसव केंद्र लेकर आने का सोचा। एंबुलेंस का इंतजार करता तो काफी समय गुजर जाता, क्योंकि वह पोहरी से आती।सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा का कहना है कि इन स्वास्थ्य केद्रों के नोडल ऑफिसर डीएचओ डॉ.एनएस चौहान हैं उन्हें ही इसकी जानकारी होगी। मुझे तो अभी तक इसके बारे में कुछ बताया ही नहीं गया है। मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया है। मैं बीएमओ से बात कर समस्या का निराकरण करवाता हूं। बाईट डीएचओ डॉ. एनएस चौहान का कहना हैं कि हेल्थ-वेल्थ सेंटर पर हफ्ताभर से लाइट नहीं होने की जानकारी मुझे नहीं है। मैं अभी मीटिंग में हूं। मीटिंग से फ्री होकर लाइट सुधरवाने के निर्देश देता हूं।