सागर- इस गांव के लोगों को एलपीजी की महंगाई से कोई फर्क नहीं पड़ता जानिए क्यों
लगातार बढ़ रहे एलपीजी गैस के दाम से जहां लोग परेशान हैं, तो वहीं सागर जिले का संजरा गांव ऐसा है जहां इसका एलपीजी की बढ़ती कीमतों का ज्यादा असर नहीं है.इस गांव की करीब आधी आबादी गोबर गैस से चूल्हा जला रहे हैं और इसी से अपनी रसोई पकाते हैं. इस गांव में अधिकतर खेती किसानी का काम करने वाले लोग रहते हैं, इनके यहां मवेशी हैं इन्हीं मवेशियों के गोबर से गैस बनाकर गांव के लोग ईंधन के रूप में उपयोग करते हैं रहली ब्लॉक में आने वाले सजरा गांव में करीब डेढ़ सौ परिवार है, उनमें 80 परिवारों में 16 साल पहले गैस संयंत्र लगवाए गए थे कुछ परिवारों में संयंत्र बंद हो गए लेकिन करीब 50 से 55 परिवार ऐसे हैं. जहां गोबर गैस का उपयोग ईंधन के रूप में हो रहा है गांव के पूर्व सरपंच बताते है कि करीब 15 साल पहले संजरा गांव का गोकुल ग्राम के रूप में चयन हुआ था.तभी इस गांव में बायोगैस संयंत्र बनवाए गए थे. बायोगैस संयंत्र से लोगों के ईंधन के साथ-साथ गोबर की खाद खेतों में उपयोग करते है. सरकार बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए अनुदान की देती है अगर किसान गोबर गैस संयंत्र का उपयोग करें तो उन्हें एलपीजी के दामों से राहत मिलेगी साथ ही सेहत भी अच्छी होगी और खेती में गोबर की खाद से उर्वरक क्षमता बढ़ेगी