बुंदेलखंड का एक गांव विकास के नाम से है कोसों दूर नारकीय जीवन जी रहे लोग !
कोई भले ही कुछ भी कहे लेकिन बुंदेलखंड का पन्ना जिला आज भी पिछड़ा है जहाँ कई ऐसे गांव हैं। जहाँ के लोग नारकीय जीवन जीने मजबूर हैं। और आजादी के बाद भी अभी तक लोगों को सड़क जैसी सुविधाएं नही मिली है। आलम ये है कि बारिश के मौसम में यहां के लोग कैदियों को तरह कैद हो जाते है और अपनी जान जुखिम में डालकर सड़क पर करते है क्या है। नज़ारा पन्ना नगर की सीमा से लगे पुरसोत्तमपुर के चांदमारी की है ये वहीँ गांव है जहाँ कुछ महीने पहले अज्ञात बीमारी के चलते करीब आधा दर्जन बच्चों की मौते हुई थी। जिसके बाद यहाँ कई दिनों तक अधिकारियों और जनप्रायिनिधियो का आना जाना लगा रहता था। बड़े-बड़े वादे यहाँ के लोगो से किये गये लेकिन यहाँ के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। गांव से लेकर मुख्य मार्ग तक के लिए यहाँ केवल एक कच्चा रास्ता है। जहाँ बारिश के मौसम में ये सड़क दलदल में तब्दील हो जाती है। जिस लोग परेशान होते हैं। स्थानीय लोगो की माने तो अगर कोई बीमार होता है। तो उसके घर तक वाहन नही पहुंच पाता। कई दफा तो बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को खाट के सहारे मुख्यमार्ग तक ले जाना पड़ता है। कांग्रेस नेता ने कहा की जल्द ही समस्या हल नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे। इस मामले में स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री बृजेन्द्र प्रताप का कहना है। की गांव की जमीन जंगल से लगी हुई है जिस कारण वहां सड़क निर्माण में समस्या आ रही है।