10 साल में 60 हजार से भी ज्यादा लोगों की जान बचाने वाला एमपी का टॉप ब्लड बैंक वाला जिला
एमपी का एक ऐसा भी जिला है। जहाँ दस साल में 60 हजार से ज्यादा मरीजों की जान ब्लड को लेकर बचाई गई है। ये जिला है बैतूल, जो रक्त क्रांति के चलते यहाँ का ब्लड बैंक प्रदेश में कई बार टॉप आ चुका है। पूरे प्रदेश में वाह वाही लूटने वाला बैतूल का ब्लड बैंक जिले का नाम रोशन कर रहा है। शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान महीने की शुरुआत होने पर ब्लड बैंक ने जिला अस्पताल में रक्तदान के लिए जागरूकता शिविर लगाया। जिसमें सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा ने मरीजों के साथ आए उनके परिजनों को रक्तदान के महत्व समझाए और रक्तदान करने की अपील की। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 साल में बैतूल ब्लड बैंक ने 60 हजार से ज्यादा उन मरीजों की जान बचाई जिन्हें ब्लड की जरूरत थी। सबसे खास बात है कि ब्लड की कमी को लेकर कभी यहां से मरीज को रेफर नहीं किया जाता है। ब्लड बैंक की रक्त कोष अधिकारी डॉ. अंकिता सीते का कहना है कि ब्लड बैंक में 1 साल में साढ़े सात हजार यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। जो यहां के रक्त दाताओं के उत्साह से पूरी हो जाती है। बताया की जिले में सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया के मरीजों की संख्या ज्यादा है और उन्हें एक साल में दो हजार यूनिट ब्लड लगता है। गर्भवती माताओं और दुर्घटना में घायल हुए मरीजों को भी ब्लड की जरूरत पड़ती है जिसकी पूर्ति ब्लड बैंक करता है।