रेप और छेड़छाड़ के मामलों में एफआईआर के बाद कोर्ट में बदल गए पीड़िता और गवाह || SAGAR TV NEWS ||
एमपी के बैतूल में बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे मामलों में एफआईआर कराने के बाद पीड़िता के अदालत में बदल जाने पर बैतूल पुलिस सख्त हुई है। पुलिस ने ऐसे 11 मामलों में एफआईआर करने वाली पीड़िता और गवाहों के खिलाफ बैतूल कोर्ट में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के मामले में 22 के खिलाफ न्यायालय में परिवाद पेश किया है।महिला सेल की प्रभारी डीएसपी पल्लवी गौर का कहना है कि बैतूल जिले में महिला संबंधी अपराधों विशेषकर बलात्कार के प्रकरणों में न्यायालय द्वारा निर्णय में आरोपियों की दोषमुक्ति के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए एसपी सिमाला प्रसाद द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैतूल नीरज सोनी के नेतृत्व में न्यायालय निर्णयों की समीक्षा और दोषमुक्ति के कारणों को जानने के लिए एक टीम का गठन किया गया है।गठित टीम द्वारा न्यायालय निर्णयों की समीक्षा के बाद दोषमुक्ति का कारण चौंकाने वाला पाया गया है। ऐसे कुल 32 प्रकरणों में से 11 प्रकरण ऐसे हैं, जिसमें रिपोर्टकर्ता खुद न्यायालय के समक्ष पक्ष विरोधी हुए हैं।पुलिस के समक्ष लिखवाई गई रिपोर्ट से पलट गए हैं। ऐसे कुल 11 प्रकरणों हैं धारा 182 , 211 भादवि के तहत न्यायालय के समक्ष परिवाद पेश किया गया है। पुलिस ऐसे लोगों को सजा दिलाने की तैयारी कर रही है। बता दे की इन धाराओं में 3 साल की सजा का प्रावधान है।