MP जान हथेली पर रखकर नदी पार कर ज़िंदगी जीने का संघर्ष कर रहे लोग !
लोगों को अगर अपने खेत जाना पढ़ता है। या राशन लेने तो जान जोखिम में डालनी पढ़ती है। तब कहीं जाकर काम बन पाता है। तस्वीरें बैतूल जिले के झल्लार क्षेत्र से सामने आयी हैं जहाँ भैंसदेही की पंचायत बोथिया के तामसार गांव के किसानों की 90% खेती गांव से बहने वाली पातरा नदी के उस पार है।वहीँ बोथिया पंचायत जाने का एक मात्र रास्ता भी यही है। पंचायत के काम और आदिम जाति से मिलने वाला राशन भी लेने ग्रामीणों को नदी पार करके ही जाना पड़ता है। बताया गया की बारिश के दिनों में खेत जाने के बाद घर वापस आने दो तीन दिन लग जाते है। क्योंकि नदी में बाढ़ आ जाती है। जिसके चलते ग्रामीणों को खेत में बनी झोपड़ियों में ही भूखे प्यासे रहना पड़ता है। यही नहीं एक दो लोग रास्ता पार नहीं करते और लोगों का इंतजार कर एक दूसरे के सहारे जाना पड़ता है। ऐसा बताया गया की एक रास्ता है जो बोथिया झल्लार होते हुए है जो 15 से 20 किलोमीटर का है। किसान और ग्रामीणों को ऐसे में हर पल ख़तरा मंडराता है। वो कई बार पुलिया निर्माण की मांग कर चुके हैं लेकिन समस्या हल नहीं हुई। झल्लार के नायब तहसीलदार नरेश सिंह राजपूत का कहना है। की इस मामले को दिखवाते हैं।