9 साल के बच्चे को दादी ने गर्म सरिए से दागा कंधे-पसलियों में हुआ था फ्रैक्चर
बैतूल में गिरने से 9 साल के बच्चे को कंधे और पसलियों में फ्रैक्चर हो गया। उस हैरानी तो तब हुई जब परिवारवालों ने अस्पताल ले जाने के बजाय चोट वाली जगह को गर्म सरियों से दाग दिया। हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।बैतूल के भीमपुर विकासखंड से 40 किमी दूर खैरा गांव में रामोती बारस्कर गांव में आंगनबाड़ी सहायिका है। उसके मुताबिक पिछले गुरुवार किराना दुकान से सामान लाते समय उसका 9 साल का बेटा आयुष गिर गया था। इससे उसके कंधे और पसलियों में चोट आ गई। अस्पताल के दूर होने और आने-जाने के लिए साधन के अभाव में आयुष की दादी ने घर पर ही इलाज शुरू कर दिया। दादी ने फसल काटने वाले सरियों को लाल होने तक गर्म किया। इसके बाद इन सरियों से आयुष के कंधे हाथ और पसलियों की जगह कई बार दाग दिया।इस वजह से आयुष के शरीर पर जलने के निशान भी बन गए हैं। गांव के इलाज और दागने के बावजूद हालत में सुधार नहीं हुआ। तबीयत बिगड़ने पर उसकी मां उसे लेकर भीमपुर पहुंची।यहां से उसे बैतूल जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया।बैतूल के आदिवासी इलाकों में पेट दर्द लकवा यहां तक कि दस्त लगने पर भी शरीर को दागने की कुप्रथा है। इसमें एक दो दिन का बच्चा हो या फिर जवान या बुजुर्ग उसकी आयु नहीं देखी जाती। दागने के लिए कई जगह हंसिए का इस्तेमाल किया जाता है ग्रामीण इलाकों में कई लोग जो दागने का काम करते हैं। इसके लिए लोहे का औजार भी बनाते हैं। मान्यता यह भी है कि दागने की वजह से लकवे जैसी बीमारी ठीक हो जाती है।