MP | खौलते तेल में हाथ डालकर बनाते है मंगोड़े दादा पिता के बाद बेटा दिखा रहा कमाल
वैसे तो खाने पीने के शौकीनों के लिए जबलपुर का कोना कोना किसी न किसी चीज के लिए प्रसिद्ध है लेकिन शहर के सबसे व्यस्ततम बाजारों में एक बड़ा फुहारा में एक छोटी सी मंगोड़ा की दुकान है। जहां लोग न केवल मंगोड़ा खाने आते हैं बल्कि रोमांच के लिए भी इस दुकान में रोजाना ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। क्योकि यहां खोलते तेल में हाथ डालकर मंगोड़े निकाले जाते है एक सदी से ज्यादा पुरानी इस दुकान में भले की पीढिय़ां बदल गई हैं लेकिन उनके यहां मिलने वाले मंगोड़ों समोसा का स्वाद अब भी वही पुराना वाला मिलता है। यहां खोलते तेल में हाथ डालकर मंगोड़े तले जाते हैं। यह चौथी पीढ़ी में भी जारी है। एक गुरु मंत्र के साथ यह क्रिया की जाती है। जो चार पीढिय़ों से जारी है। देवा मंगोड़ा के संचालक अतुल जैन ने बताया कि उनकी दुकान 1918 में परदादा कंछेदी लाल जैन ने बड़ा फुहारा क्षेत्र में मंगोड़ा की दुकान खोली थी। इसके बाद दादा दालचंद जैन और फिर पिता देवेन्द्र जैन उर्फ देवा इस दुकान को चलाते रहे हैं। उनके स्वर्गवास के बाद हम दो भाई दुकान को चला रहे हैं। मंगोड़ा समोसा बनाने का जो फॉर्मूला परदादा ने तैयार किया था आज भी उसी अनुपात में हम बना रहे हैं। ताकि स्वाद में कोई परिवर्तन न आए। यही वजह है कि लोग हमारे यहां पीढिय़ों से आ रहे हैं