5 सालों से बंद है इस जिला अस्पताल की लिफ्ट, रैंप के जरिए वार्ड पहुंचती हैं प्रसुताएं |SAGAR TV NEWS|
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन का यह बोर्ड बैतूल के जिला अस्पताल में लगा है। जिसमे दावा तो सुरक्षित मातृत्व और प्रसूति करवाने का है। लेकिन असल तस्वीरें इस से उलट है। बैतूल के जिला अस्पताल में प्रसूति के लिए भर्ती होने वाली प्रसूताओं को मैटरनिटी वार्ड तक पहुंचने के लिए कितने जतन करने पड़ते हैं। यह परेशानी वे ही जान सकते हैं, जो यहां प्रसूति के लिए पहुंचते हैं। अस्पताल में लिफ्ट लगने के बाद से वो अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। जिस वजह से प्रसूता हो या उनके परिजन रैम्प से जाने के लिए मजबूर हैं। 150 फुट की लंबी चढ़ाई वाली यह रैम्प प्रसूताओं के लिए पीड़ादायी सफर बन जाती है। अस्पताल के पुराने भवन को तोड़ने के बाद यहां साल 2016 में बने नए ट्रामा सेंटर की ऊपरी छत पर प्रसूति वार्ड बनाया गया है। जहां ऊपर तक पहुंचने के लिए प्रसूताओं को भारी मशक्कत करनी पड़ती है। प्रसूति वार्ड तक ऊपर पहुंचना हो या फिर किसी जांच के लिए मुख्य भवन तक जाना, यहां रैंप के जरिए ही हो पाता है। प्रसूताएं रैम्प की दीवारों पर लगी पाइपों को पकड़कर चलती हैं। जाते समय रैम्प की चढ़ाई और आते समय इसका ढलान प्रसूताओं के लिए काफी कठिन है। भवन निर्माण के दौरान यहां लिफ्ट का प्रावधान किया गया था। लेकिन बीते 5 सालों से यह चालू नहीं हो पाई।एक महिला चिकित्सक का कहना है