इंदौर के परदेसीपुरा इलाके में शनिवार को विमद सागर महाराज ने पंखे से लटक कर फांसी लगा ली थी। वे मूलत: सागर जिले के शाहगढ़ के रहने वाले थे। शाहगढ़ में उनका जन्म 9 नवंबर 1976 को हुआ था। यहां शासकीय माध्यमिक स्कूल में उन्होंने 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। जैन संत बनने से पहले उनका नाम संजय कुमार उर्फ चम्मू जैन था। फिलहाल उनके घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है, परिवार के लोग इंदौर गए हुए है, जैन मुनि को बचपन से ही वैराग्य से लगाव था। यही नहीं, 10 साल की उम्र में ही वे संत बनने की क्रियाएं करते थे।
वही आचार्यश्री विदम सागर महाराज का रविवार सुबह 11.30 बजे अंतिम संस्कार हुआ। इससे पहले डोली यात्रा निकाली गई। शनिवार देर रात पोस्टमॉर्टम के बाद अंजनी नगर स्थित एक भक्त के घर आचार्यश्री के पार्थिव शरीर को रखा गया था
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