कहते हैं बच्चे भविष्य गढ़ते हैं। ये बच्चे देश के कर्णधार होते हैं। यही बच्चे आगे चलकर देश को एक नई दिशा देते हैं। जी हां मध्य प्रदेश में सतना शहर के गवर्मेंट हायर सेकेंडरी व्यंकट नम्बर वन स्कूल में साइंंस ग्रुप के 9वीं कक्षा के 40 स्टूडेंट्स ने पेड़ों को बचाने के लिए क्यूआर कोड जनरेट किया है इस क्यूआर कोड को जनरेट करते ही संबंधित पेड़ की इंग्लिश और हिंदी में पूरी कुंडली आपके सामने होगी। मसलन पेड़ का साइंटिफ़िक नाम क्या है उसे स्थानीय भाषा में क्या कहते हैं और उसके फायदे क्या-क्या हैं यह सब पलक झपकते ही आपके मोबाइल पर होगा। दरअसल इसकी बुनियाद करीब एक साल पहले पड़ गई थी। बायोलॉजी की टीचर डॉ. अर्चना शुक्ला ने 9वीं और 10वीं कक्षा के करीब 150 बच्चों को स्कूल कैम्पस के मोगली गार्डन में कस्टर्ड एप्पल (सीताफल) के बीज रोपने के लिए दिए। जिस बच्चे ने जो बीज रोपा उसके देखरेख की जिम्मेदारी भी उसी बच्चे को दी। बच्चों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि पौधों को मवेशियों से कैसे बचाया जाए इसके लिए बच्चे अपने पॉकेट मनी से कुछ रुपए बचाकर ट्री-गार्ड खरीदे और पौधों को सहेजने का काम किया। इसके बाद बच्चों के दिमाग में आया कि पौधों और पेड़ों बचाने के लिए आखिरकार कौन सी तरकीब निकाली जाए। ऐसे में ही क्यूआर कोड का कॉन्सेप्ट पनपा। बच्चों ने महज 15 रुपए के खर्च पर लेमिनेटेड क्यूआर कोड बना अब तक एक्सीलेंस स्कूल के बच्चे 100 से ज्यादा क्यूआर कोड जनरेट कर चुके हैंबच्चों ने ये इनोवेशन बायोलॉजी की टीचर डॉ. अर्चना शुक्ला की देखरेख में किया है