Sagar-Swimming pools on the streets, public enjoyed the engineers on social media, see who said what
सागर में मंगलवार की शाम जोरदार बारिश हुई जिसकी वजह से शहर में कई जगह पर जल भराव की स्थिति बनी, कहीं-कहीं तो दो से तीन फीट तक पानी भर गया, इसमें बस स्टैंड रविंद्र भवन तहसीली, रेलवे अप्सरा अंडर ब्रिज एलिवेटेड कॉरिडोर दीनदयाल चौराहा के पास सड़के स्विमिंग पूल के जैसे नजर आने लगी,
सबसे ज्यादा परेशानी एलिवेटेड कॉरिडोर दीनदयाल चौराहा के पास हुई, यहां पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से 2 से 3 फीट तक पानी भर गया था और यहां स्विमिंग पूल के जैसा दृश्य नजर आ रहा था रोटरी के चारों तरफ पानी था, नजर देख ऐसी लग रहा था जैसे तालाब शहर की सड़कों पर आ रहा हो, वाहन चालकों को यहां से निकलने में परेशानी भी हो रही थी वही स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों के द्वारा किए गए काम को लेकर भी सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया गया,
लोगों के द्वारा यहां के फोटो वीडियो जमकर वायरल किए गए और अपने अपने हिसाब से सवाल खड़े किए, और सवाल उठाएं भी तो क्यों ना क्योंकि 1000 करोड़ की लागत से सागर स्मार्ट सिटी में काम किए गए हैं और जब इस तरह से उनके कार्यों की पोल खुलती है तो लोगों का दिमाग घूम जाता है की किस तरह से मनमर्जी से काम किया गया है अधिकारी निरीक्षण पर निरीक्षण करते रहे और ठेकेदार अपने अनुसार काम करवाते रहे और इसका खामियां जा नगर की जनता को भुगतना पड़ रहा है.
सागर के विकास पुरुषों की ऐतिहासिक गाथा वर्णन करता ये पानी ! ये सिर्फ पानी नही है मित्र ! ये जलभराव माथे का तिलक है ! गर्व करो कि जलभराव हुआ ! रेगिस्तान मै जब वारिश नहीं होती तो लोग तरसते है बूंद बूंद के लिये और तुम्हें ईश्वर भर-भरकर भराव की स्थितियाँ पैदा कर रहा है ! धन्यवाद दो स्मार्ट सिटी को यहाँ के विकास पुरुषों को ,उनकी आरती उतारो उन्हें महान मानकर । नालों का पानी तो गंगा मे भी जाता है ! वो कभी अपवित्र नहीं होती ! सागर तालाब मे भी जा रहा है किन्तु अब गंगा आरती होने से वह पवित्र है । सोचो यदि ये न होते तो तुम अंतरिक्ष का अनुभव कैसे करते ।
एक और यूजर ने लिखा कि स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों ने शहर को बर्बाद कर दिया है तो दूसरे यूज़र ने लिखा, साबधान...!अब कोई यह नही कहेगा कि सागर झील के पास कोई स्वीमिंग पूल नही है, बिना मांगे ही मिल गया।