अस्पताल में फर्जी ड्रेसर को पकड़ा, दूसरे के नाम से कर रहा था नौकरी ऐसे हुई पहचान और फिर शिकायत
सागर सेंट्रल जेल का लाॅकअप हमेशा जेल की क्षमता से दोगुना रहता है. गर्मी के मौसम में तो आलम ये है कि हर बैरक में क्षमता से दोगुने कैदी होने के कारण कैदी ना तो ठीक से सो पा रहे हैं और ना अपनी सेहत को दुरूस्त रख पा रहे हैं. हालात ये है कि गर्मी के मौसम में कैदियों को जेल की बैरकों के बाहर के बरामदों में सुलाना पड़ रहा है. ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर जेल विभाग को काफी मुस्तैद और सतर्क रहना पड़ता है.
ऐसे में सेंट्रल जेल में बैरेक का निर्माण किया जा रहा है, 5 करोड़ की लागत से अब तक चार बैरक का निर्माण हो चुका है, आठ और बैरेक का निर्माण कार्य चल रहा है, इस तरह से करीब 11 करोड़ की लागत से बैरक बनने पर 160 बंदियों की क्षमता बढ़ जाएगी. 16 करोड़ खर्च होने पर 240 बंदियों की क्षमता बढ़ जाएगी.
सागर सेंट्रल जेल के अधीक्षक मानवेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि उनके आने से पहले यहां पर केंद्रीय जेल की क्षमता 894 कैदियों की थी चार बैरक का निर्माण होने पर यह क्षमता 974 की हो गई जल्द ही आठ बैरक का कार्य और हो जाएगा, जिससे 160 बंदियों की क्षमता और बढ़ जाएगी. अभी जेल के अंदर जो बैरक बने हुए हैं. उनके पास खाली मैदान है. इन्हीं खाली मैदान में निर्माण कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एक बैरक में 20 बंदी रखे जाते हैं लेकिन इस समय जेल की क्षमता कम होने से 40-40 तक बंदियों को एक साथ रहना पड़ रहा है.