आदिवासी छात्रावास में नहीं मिल रहा पीने का पानी, बच्चे कैसे बनेंगे होनहार
सरकारी आदिवासी समाज को मुख्यधारा में शामिल करने लाखों रूपए खर्च कर रही है लेकिन जिम्मेदारों की मनमानी से हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं। शिवपुरी के सरकारी छात्रावास में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इसमें बच्चों को घटिया खाना देने और पीने को पानी न मिलने के आरोप लगे हैं। परेशान छात्रों ने मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर के सामने छात्रावास अधीक्षक की मनमानी की शिकायत की। कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं। छात्रों का आरोप है कि अधीक्षक द्वारा 40 बच्चों को 250 ग्राम दूध की चाय पिलाई जाती है। सब्जी और दाल में केवल पानी रहता है। खर्च वाले पानी की टंकी में
लार्वा पनप रहे हैं। इससे नहाकर बच्चों में खुजली फैल रही है। परीक्षा चल रही हैं और बच्चे प्यासे कंठ लिए पानी की तलाश में घूम रहे हैं। अधीक्षक से पानी मांगों तो वे चंदा कर पानी मंगाने का आदेश दे देते हैं। कई छात्र परेशान होकर घर वापस लौट गए हैं। अधीक्षक दीपक तोमर का कहना है कि परिसर का बोर खराब है इससे पानी की समस्या है। इसके अलावा सब ठीक है। आरोप निराधार हैं। आदिम जाति जनजाति कल्याण विभाग शिवपुरी के डीईओ राजेंद्र जाटव का कहना है मौके पर जाकर मामले की जांच की जाएगी। गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।