ज्योतिरादित्य की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन,नेपाल राजघराने से था संबंध | sagar tv news |
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। वे 70 साल की थीं। पिछले तीन महीने से बीमार होने से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं। यहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
राजमाता माधवी राजे मूलतः नेपाल की रहने वाली थीं। वे नेपाल राजघराने से संबंध रखती थीं। उनके दादा जुद्ध शमशेर बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री थे। राणा वंश के मुखिया भी रहे थे। 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था।
शादी से पहले राजमाता माधवी राजे का नाम प्रिंसेस किरण राजलक्ष्मी देवी था। ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के माधवराव सिंधिया से 1966 में उनकी शादी हुई। शादी दिल्ली में शानो-शौकत के साथ हुई थी। इस शाही शादी में देश-विदेश से मेहमान शामिल हुए थे। शादी के बाद मराठी परंपरा के अनुसार नेपाल की राजकुमारी का नाम बदला गया। इसके बाद वह किरण राजलक्ष्मी से माधवीराजे कहलाने लगीं। माधवी और माधवराव का रिश्ता ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने तय किया था।
माधवी राजे के पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का निधन 30 सितंबर 2001 को हुआ था। इसके बाद से वह काफी टूट गई थीं, लेकिन बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया और बहू प्रियदर्शनी राजे सिंधिया की मार्गदर्शक रहीं
मार्च 2020 में जब सिंधिया राजघराने के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का निर्णय लिया था, तो उस समय पूरा परिवार उनके साथ था। बेटा और पत्नी तो उनके फैसले में साथ थे ही, पर सबसे ज्यादा सपोर्ट उनकी मां माधवी राजे सिंधिया ने किया था।
ज्योतिरादित्य कांग्रेस में पिता की विरासत छोड़कर जाने में संकोच कर रहे थे, लेकिन माधवी राजे ने मार्गदर्शक बनकर राह दिखाई थी। इसके बाद ही ज्योतिरादित्य ने इतना बड़ा फैसला लेकर अपनी दादी विजयाराजे सिंधिया की तरह बड़ा कदम उठाया था।