स्कूल परिसर के सामने भरा लबालब पानी, निकलने के लिए नहीं है रास्ता
एमपी के दमोह के पथरिया ब्लाक में ऐसे भी स्कूल हैं, जहां सुविधाओं की कमी के चलते छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे स्कूलों की सूची में नगर के शासकीय प्राथमिक शालाएं भी शामिल है। कुछ स्कूलों तक पहुंचने के लिए रास्ते भी नहीं है, तो अनेक स्कूलों मैं विद्युत व्यवस्था नहीं है, तो वहीं कुछ विद्यालयों के सामने खाली जगह पर जिसे खेल का मैदान कहा जाता है, वह बच्चों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। दरअसल हम बात कर रहे हैं पथरिया नगर के वार्ड नंबर 5 में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला जहां विद्यालय के चारों बरसात का पानी जमा होने की वजह से रास्ता भी नहीं है तो वही बरसात का गंदा पानी भरा होने की वजह से छात्र एवं शिक्षक बदबू से भी परेशान है।
विद्यालय प्रभारी प्राचार्य उषा जैन ने बताया कि विद्यालय की चारों गंदगी का माहौल है वार्ड नंबर 3 का पानी वार्ड नंबर 5 में नाली के माध्यम से पहुंचता है, तो वही आसपास बने हुए मकान से मल मूत्र भी भाकर वहीं पर पहुंचता है जिसकी बदबू से सांस लेना भी दूर होता है फिर भी हम लोग छात्रों को ऐसे ही माहौल में पड़ा रहे हैं। बहुत परेशानी होती है कई बार जन शिक्षक एवं बीआरसी कार्यालय में लिखित में भी दिया है लेकिन कुछ नहीं होता सिर्फ आश्वासन मिलता है। कह दिया जाता है कि जब राशि आएगी तो कार्य करवा देंगे। इस विद्यालय में परेशानी होने का मुख्य कारण विद्यालय के सामने खाली पड़ी जगह से पानी निकासी की किसी भी प्रकार से व्यवस्था न होना है। कुछ दिन पहले हुई बरसात का पानी स्कूल परिसर के सामने आज भी भारी मात्रा में भरा है।
बच्चों को उसके बीच से ही आना जाना पड़ रहा है। हालांकि स्कूल परिसर के लिए रास्ता एवं से पानी निकासी की समुचित व्यवस्था किए जाने की मांग विभागीय अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से विद्यालय की शिक्षकों के द्वारा भी की जा चुकी है, मगर वर्षो बीतने के पश्चात भी इस स्कूल परिसर की कोई भी सुध नहीं ली जा रही। ज्ञात हो कि पथरिया नगर के वार्ड नंबर 5 में आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल के ही किचन शेड में संचालित होता है किंतु गंदगी और बरसात का पानी भर जाने की वजह से आंगनबाड़ी केंद्र में भी पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं बचता यहां तक की बरसात का पानी किचन शेड में भर जाता है, जिससे बच्चों को बैठने के लिए भी जगह नहीं बचती और आंगनवाड़ी संचालित करने में भी काफी परेशानी होती है। इस संबंध में महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी राजकुमार लड़िया का कहना है कि बरसात की समय समस्या होती है, कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करवाते हैं।