दी क्रश कॉफी के सभी आउटलेट्स पर छापेमारी,ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन पर कोर्ट की बड़ी कार्रवाई
दिल्ली डिस्ट्रिक्ट रोहिणी कोर्ट द्वारा नियुक्त लोकल कमिश्नर्स ने इंदौर स्थित दी क्रश कॉफी के आउटलेट्स पर ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन के मामले में कार्रवाई की। इस कार्रवाई का आदेश कोर्ट ने दी कॉफी कॉन्सेप्ट के मालिक योगेश सोनी की याचिका पर दिया था। योगेश सोनी ने अपनी यूनिक थीम, कलर कॉम्बिनेशन और ब्रांड की गुडविल की रक्षा के लिए कोर्ट में ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन का केस दर्ज करवाया था। उनके अधिवक्ताओं, अंकुर तिवारी और विश्वजीत अहिरवार ने यह मामला रोहिणी कोर्ट में प्रस्तुत किया। कोर्ट ने एक्स-पार्टी आदेश जारी करते हुए लोकल कमिश्नर्स को दी क्रश कॉफी के इंदौर स्थित झलारिया, गीताभवन, स्कीम नंबर 78, भंवरकुआ, और एलआईजी आउटलेट्स पर सर्च और सीजर की कार्रवाई के निर्देश दिए थे। आज लोकल कमिश्नर्स ने इन आउटलेट्स पर छापेमारी कर प्रोडक्ट्स, ग्लासेस, बोर्ड्स, बिल्स, और अन्य सामग्री को जब्त कर लिया।
यह सामग्री संबंधित स्थानों पर ही मालिक रवि राज सोलंकी को सौंप दी गई। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक स्टे आदेश नहीं हटता, तब तक इस कार्रवाई का पालन करना अनिवार्य होगा। यह आरोप लगाया गया है कि दी क्रश कॉफी ने दी कॉफी कॉन्सेप्ट के यूनिक लोगो, थीम और कलर कॉम्बिनेशन की नकल कर इंदौर में फ्रेंचाइजी बेचीं। अहमदाबाद स्थित क्रश कॉफी का नाम, लोगो और थीम इससे बिल्कुल अलग है। जनता को भ्रमित कर फायदा उठाने के लिए इस नकल का सहारा लिया गया था। सूत्रों के अनुसार, दी क्रश कॉफी के संचालक पुष्पेंद्र सोलंकी पर पहले से कई FIR दर्ज हैं। उन्हें आईपीसी की धारा 420 के तहत ठगी के मामलों में पुणे जेल में भी रहना पड़ा है। अब इस ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन मामले में भी कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने रवि राज सोलंकी और पुष्पेंद्र सोलंकी को अगली सुनवाई में पेश होकर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। यह मामला अब दिल्ली की कमर्शियल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, रोहिणी में आगे बढ़ेगा। इस घटना से साफ है कि ब्रांड्स की ओर से ट्रेडमार्क और कॉपीराइट की सुरक्षा को लेकर कोर्ट गंभीर रुख अपना रही है। इस कार्रवाई का प्रभाव व्यापारिक प्रतिस्पर्धा और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।