सागर - घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी की सफलता की दर 98 फीसदी से अधिक -डॉ. गोहिया


 

घुटने और कूल्हे की प्रत्यारोपण सर्जरी में रोगग्रस्त जोड़ को कृत्रिम जोड़ से बदल दिया जाता है, जिससे मरीज़ अपने कृत्रिम जोड़ की मदद से शारीरिक गतिविधियाँ और अपने कार्य कर सकता है।, यह बात हमीदिया अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट डॉ॰ आशीष गोहिया ने कहीं, वे आईएमए और नर्सिंग होम एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित घुटने और कूल्हे की प्रत्यारोपण सर्जरी के मिथक और तथ्य से संबंधित संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे,

 

सागर की बुंदेलखंड शासकीय मेडिकल कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि घुटने और कूल्हे के प्रत्यारोपण सर्जरी से घुटने और कूल्हे के दर्द में राहत मिलती है।, इनकी प्रत्यारोपण सर्जरी की सफलता की दर लगभग 98 फीसदी से अधिक है। हालांकि, सर्जरी के कुछ जोखिम और लाभ हैं।, उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक रिकॉर्ड के अनुसार घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी 15 से 20 साल तक चलती है। हालांकि, घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी की उम्र कृत्रिम जोड़ के प्रकार पर निर्भर करती है. आमतौर पर सर्जरी के बाद ज्यादातर मरीज़ तीन से पांच दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है. संगोस्ठी में डॉ तल्हा साद, डॉ जागृति किरण, डॉ डी के पिप्पल, डॉ राघवेंद्र चौबे, डॉ आर डी ननहोरिया, डॉ रजनीश मिश्रा, डॉ अखिलेश जैन, डॉ प्रेमचंद आहिरवार मौजूद थे.


By - sagartvnews

19-Jun-2023

YOU MAY ALSO LIKE

Sagartvnews subscribe on youtube



NEWSLETTER

सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.