जनसुनवाई से घर लौटे दंपती ने खाया जहर, महिला की मौत
जनसुनवाई से घर लौटे दंपती ने खाया जहर, महिला की मौत
मंगलवार को प्रशासन की जनसुनवाई में पीड़ितों ने कलेक्टर इलैया राजा टी के सामने जब बेची गई जमीन की रजिस्ट्री प्रस्तुत की तो वे भी आश्चर्यचकित रह गए। कलेक्टर ने तुरंत कंपनी के संचालक अमित गाडगे को फोन किया। कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की कि आपने यह जमीन कैसे बेच दी। कल ही इंदौर आओ। इस पर अमित ने कहा कि बुधवार नहीं आ पाऊंगा। इस पर कलेक्टर ने उसे 24 जून को बुलाया।
द्वारकापुरी थाना क्षेत्र के कुंदन नगर में रहने वाले दंपती ने मंगलवार शाम को संपत्ति विवाद के चलते जहरीला पदार्थ खा लिया। इसमें पत्नी की मौत हो गई और पति का अस्पताल में इलाज चल रहा हैं, लेकिन उसकी हालत भी नाजुक बताई जा रही हैं।
पुलिस ने बताया कि हेमंत ढोलिया (35) और उसकी पत्नी पूजा (30) ने जहरीला पदार्थ खाया, जिसके चलते स्वजन उन्हें एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे। वहीं दोनों का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि मकान को लेकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। दो बेटियों के चलते उन्हें ज्यादा प्रताड़ित होना पड़ता है। वहीं घटना के समय दोनों बेटियां नाना-नानी के यहां गई हुई थी।
नागपुर के वात्सल्य बिल्डर्स के संचालकों ने इंदौर के प्लाट खरीदारों को ही नहीं, जिला प्रशासन को चकमा दिया है। बिल्डर कंपनी के संचालकों ने इंदौर के असरावद खुर्द में शिव रेसीडेंसी फेज-2 की कुल 68 एकड़ जमीन में से 36 एकड़ जमीन चुपचाप बेच दी है, जबकि इसी जमीन से शहर के करीब 500 लोगों को बिल्डर ने प्लाट बेचे हैं। आश्चर्य की बात है कि बिल्डर से पीड़ित प्लाट खरीदार नवंबर से प्रशासन के पास आ रहे हैं और अधिकारी लगातार बिल्डर से बात कर रहे हैं। इसके बावजूद बिल्डर कंपनी के संचालकों ने गत अप्रैल में यह जमीन बेच दी।
पीड़ितों ने कलेक्टर के सामने रखी रजिस्ट्री, नाराज होकर बिल्डर को लगाया फोन- इंदौर तलब किया कलेक्टर ने अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर को निर्देश दिए कि इस मामले का परीक्षण करके बिल्डरों पर एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी करो। पीड़ित प्लाटधारी कुलदीपसिंह अरोड़ा, चारुदत्ता, प्रभा गंगवार, रूपाली बड़वे, किशोर कुमार पांडव, देवेंद्रसिंह तोमर, सुधांशु दुबे, आरपी तिवारी, दिनेश शिपनकर, जयप्रकाश गोस्वामी सहित कई पीड़ित जनसुनवाई में पहुंचे थे। पीड़ितों ने बताया कि वर्ष 2010 में शिव रेसीडेंसी फेज-2 में कई लोगों ने प्लाट लिए थे। सभी प्लाटधारकों से बिल्डर ने करीब 32 करोड़ रुपये लिए हुए हैं, लेकिन आज तक कालोनी के विकास के लिए शासकीय प्रक्रिया पूरी नहीं की।