लापरवाही देख कलेक्टर हुए नाराज़, नर्स निलंबित तो आशा कार्यकर्त्ता की सेवा समाप्त
नवागत कलेक्टर अचानक से जिला अस्पताल पहुँच गए जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। कलेक्टर ने लापरवाही बरतने पर नर्स को निलंबित किया वहीं आशा कार्यकर्ता की सेवाएं ही समाप्त कर दी।
मामला एमपी के पन्ना का है। इसके अलावा उन्होंने सिविल सर्जन और सीएमएचओ को फटकार भी लगाई। दरअसल पन्ना में लगातार जिला अस्पताल की सुविधाओं की खबर मीडिया और न्यूज़ चैनलों के माध्यम से कलेक्टर को मिल रही थी। जिस पर नवागत कलेक्टर हरजिंदर सिंह ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया।
सबसे पहले वह अस्पताल के शौचालय में गए। वहां गंदगी पाए जाने पर सीएमएचओ और सिविल सर्जन को कड़ी फटकार लगाते हुए ठेका कंपनी को नोटिस जारी करने को कहा। वह धीरे-धीरे हर वार्डों की ओर जा रहे थे। तभी उन्हें एक मजबूर और लाचार प्रसूता मिली जो 3 घंटे से 108 वाहन उपलब्ध ना होने के चलते परेशान थी।
उसने कलेक्टर से शिकायत की, तो कलेक्टर तुरंत ही प्रसूता वार्ड में पहुंचे और पहले तो जानकारी ली की आखिरकार गलती किसकी है। प्रथम दृष्टया उनको गलती वहां की स्टाफ नर्स सरला गोटे की नजर आई। जिससे उन्होंने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित करने के आदेश सिविल सर्जन को दिए। तो साथ में आई आशा कार्यकर्ता की लापरवही मिलने पर उसकी सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए।
कलेक्टर हरजिंदर सिंह ने देवेंद्रनगर में प्रसूता की जान जाने के मामले में कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से जानकारी लगी है। इस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर कलेक्टर ने नाराज़गी व्यक्त की। वहीं उन्होंने साफ़ लहजे में कहा की यह उनका पहला निरीक्षण है अगर दोबारा यह गलती मिली तो किसी को भी नहीं छोडूंगा।