ये जिला अस्पताल खुद बीमार कभी ऑक्सीजन की कमी तो कभी परिजन लगा रहे एम्बुलेंस को धक्का
अगर यह कहा जाए कि शाजापुर का जिला अस्पताल खुद बीमार है, कभी ऑक्सीजन की कमी के कारण यहां मरीज की जान चली जाती है, तो कभी प्रसूता को रेफर करने के लिए उसके परिजनों को 108 एम्बुलेंस को धक्का लगाकर स्टार्ट करना पड़ता है। तो यह बात हैरत की नहीं होगी। अधिकारियों की लापरवाही से इस अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी चल रही है और बीमार अस्पताल का इलाज नहीं किया जा रहा।
दरअसल, बीती रात एक मरीज को जिला अस्पताल मंे भर्ती कराया गया था। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, लेकिन उसे आक्सीजन नहीं मिल सकी। डाक्टर उसके लिए आक्सीजन की भी व्यवस्था नहीं कर सके और आखिरकार उसने दम तोड दिया। जबकि, अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट है और अस्पताल की नई और पुरानी बिल्डिंग के सभी वार्डों में ऑक्सीजन लाइन भी डली हुई। लेकिन यह षोपीस बनी है। ऐसे ही एक दूसरे मामले में एक प्रसूता को जिला अस्पताल से रेफर किया गया था।
लेकिन 108 एम्बुलेंस स्टार्ट नहीं हुई। प्रसूता के परिजन प्रसूता को तड़पता देख एंबुलेंस को धक्का लगाकर स्टार्ट करने की जुगत में जुड़ गए। करीब 10 मिनट तक प्रसूता के परिजन और अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड ने एम्बुलेंस को धक्का लगाया। तब कहीं जाकर प्रसूता को दूसरी अस्पताल ले जाया गया। इस मामले में खास बात यह निकल कर आई कि अस्पताल प्रषासन मरीजों की जान के साथ खुलेआम खिलवाड कर रहा है और सिविल सर्जन डॉक्टर बीएस मैना इस तमाषे को देख रहे हैं।
ऐसे मामले अस्पताल में आए दिन होते रहते हैं। बहरहाल, इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर बीएस मैना का कहना है कि अस्पताल में ऑक्सीजन लाइन डली हुई है। इसके बाद उसके डॉक्टर ने सिलेंडर के ऑक्सीजन क्यों लगाई इसकी जांच करवाई जाएगी। वही एंबुलेंस को लेकर कहा कि 108 एंबुलेंस भोपाल से संचालित होती है इसमें हमारा कोई दखल नहीं है। यानि प्रसूताओं को ऐसे ही दूसरी अस्पताल जाना होगा।