ये कैसे जिम्मेदार, ट्रैफिक टीआई ही कुचल रहे थे यातायात कानून। 300 का कटा चालान।
आम आदमी को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाकर लोगों से जुर्माना वसूलने वाले खुद ही नियमों को ताक पर रखकर चलते हैं। शहडोल के उमरिया में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। इसमें ट्रैफिक टीआई खुद ही यातायात नियमों का उल्लघंन करते हुए शहर में घूम रहे थे। टीआई साहब ने सपने में भी नही सोचा होगा जिले में कोई उनका भी चालान काट सकता है। जैसे ही वे बिना हेलमेट स्कूटी लेकर गांधी चौराहे से निकले तो उनके मातहतों ने ही साहब को रोक लिया। पहले तो वे चौंके लेकिन जब देखा कि
उनके बड़े सहाब से भी बड़े सहाब खड़े तो तेवर ढीले पड़ गए। दरअसल जिस समय टीआई सीके तिवारी चौराहे से निकल रहे थे उसी समय एडीजीपी डीसी सागर उमरिया दौरे पर थे। यातायात पुलिस का काम देखने वे मौका स्थल पर ही रुक गए थे। लेकिन जैसे उन्होंने ट्रैफिक टीआई को बिना हेलमेट स्कूटी लिए देखा तो उन्होंने ड्यूटी कर रहे यातायात पुलिसकर्मियों को टीआई का चालान काटने के निर्देश दिए। टीआई का चालान कटवाने एडीजीपी यातायात थाने भी पहुंचे और अपने
सामने ही 300 रुपए का आॅनलाइन चालान काटवाकर रसीद टीआई तिवारी के हाथ में थमा दी। टीआई का चालान कटने की खबर से लोग चटकारे ले रहें हैं कि जो रोज दूसरों का चालान काटते थे आज उनकी ही जेब ढील हो गई। निरीक्षक लेवल के अधिकारी का 300 रुपए का चालान बहुत कम रकम है लेकिन इसके पीछे संदेश बड़ा है कि नियम सबके लिए बराबर होते हैं। अब देखना यह है कि एडीजीपी ने जो पाठ यातायात पुलिस को पढ़ाया है उस पर आगे भी अमल होता रहेगा या उनके वापस लौटते ही पुराना ढर्रा चलता रहेगा।