घातक बीमारियों से बचाने एसडीएम की पहल। दस हजार बच्चों ने ली शपथ।
अभी तक आपने धार्मिक उपवास के तहत भोजन, पानी सहित अन्य सामग्री छोड़ने के प्रण सुने होंगे। आधुनिक समय तकनीकि का हो गया है। ऐसे में अब ई—उपवास भी होने लगा है। यह शब्द अधिकांश लोगों के लिए नया है। हम आपको बता दें कि ई—उपवास का संबंध मोबाइल, कम्प्यूटर, इंटरनेट से है। इन्हें छोड़ना ही उपवास कहलाने लगा है। आजकल इनके बिना आदमी की दिनचर्या की कल्पना ही नहीं हो पाती। भले ही इनके लाख दुष्प्रभाव हों लेकिन कोई छोड़ने तैयार नहीं है।
ऐसे में रायसेन जिले के बेगमगंज अनुविभाग के एसडीएम सौरभ मिश्रा ई—उपवास की प्रेरणा देने में जुटे हुए हैं। उन्होंने करीब दस हजार छात्र—छात्राओं को इस उपवास की शपथ दिला दी है। इसमें विद्यार्थी सप्ताह में एक दिन मोबाइल और इंटरनेट से दूर रहेंगे। एसडीएम ने शहर के प्रमुख स्कूलों में जाकर बच्चों को मोबाइल के फायदे और दुष्प्रभाव गिनाये। उन्होंने तकनीकि का फायदा उठाने को उचित बताया लेकिन उसके बुरे प्रभावों से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन से
निकलने वाले इलेक्ट्रोमेगनेटिक विकिरणों से डीएनए क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अलावा मोबाइल का अधिक इस्तेमाल से मानसिक रोग, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, डायबिटीज, ह्रदय रोग आदि रोग हो सकते हैं। मोबाइल फोन को अपने शरीर से सटाकर नहीं रखना चाहिए। हैकर्स द्वारा गुप्त जानकारियों के चुराने की बात भी बताई। उनके द्वारा दी गई सीख से छ़ा—छ़ात्राओं ने ई—उपवास की शपथ ली है।