पत्नी ने दूसरी बेटी को दिया जन्म तो पत्नीऔर मासूम को स्टेशन पर छोड़ गया पति
सरकार बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ लाडली लक्ष्मी और कन्यादान जैसी तमाम योजनाओं से बेटियों की स्थिति बदलने का दम्भ भर रही है। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त ऐसी है कि एक मां को दो बेटियों को जन्म देने की अमानवीय सज़ा मिली है। पहली चार साल की बेटी और दूसरी महज़ चार दिन की नवजात को गोद में लिए प्रसूता को उसका पति अशोकनगर रेलवे स्टेशन पर किसी वस्तु की तरह छोड़ गया। इस कड़ाके की ठंड में वह रात भर अपने मायके वालों का इंतेज़ार स्टेशन पर करती रही। सुबह प्रसूता मनीषा पिता राम स्वरूप प्रजापति के मायके सागर जिले के बीना के मेयेलि ग्राम से बुजुर्ग माता पिता वहां पहुंचे। और घर वापस लेकर आये। अगले दिन परिजनों ने बेटी के ससुराल वालों के खिलाफ सागर महिला थाने में आवेदन देते हुए कार्रवाई की मांग की है। जानकारी के मुताबिक मनीशा की अशोक नगर जिले के रहने वाले दिनेश प्रजापति से चार साल पहले शादी हुई थी। शादी के बाद पहले दिन से दहेज के लिए दबाव बनाने वाले ससुराल वालों ने पहली बेटी को जन्म देने के बाद मनीषा पर कहर ढाना शुरू कर दिया था। जैसे तैसे चार साल बाद फिरसे दूसरी बेटी को जन्म देना ससुराल वालों को इसकदर ना गवार गुज़रा कि उसे दोनों बेटियों के साथ क्रूर पिता ने उस समय महिला को घर से बाहर निकाल कर दिया और स्टेशन पर छोड़ आया जब प्रसूता को सबसे ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत होती है। महिला और उसके परिजनों ने बताया कि ससुराल वाले उसे हमेशा से परेशान करते आ रहे हैं। लेकिन अब पानी सर के ऊपर है इसलिए न्याय के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाया है। महिला ने अशोकनगर महुअन ईशागढ थाना क्षेत्र में रहने वाले पति दिनेश पिता भागचंद प्रजापति, सास सरजू बाई, जेठ रामकेश और जिठानी स्मृति के विरुद्ध आवेदन देकर न्याय की मांग की है।