एमपी के सागर जिले के कलाकार रामसहाय पांडे को केंद्र सरकार ने पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की है, 94 साल के रामसहाय पांडे बुंदेलखंड की प्रसिद्ध राई नृत्य में पारंगत है वह देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी राई नृत्य कर चुके हैं, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राई लोक नृत्य को पहचान दिलाई है।
पद्म श्री पुरस्कार के नाम के लिए उनके नाम की घोषणा होने के बाद ही सागर के कनेरा देव में रहने वाले रामसहाय पांडे के घर में खुशी का माहौल है, लोग बधाई देने उनके घर पहुंच रहे है।
पद्मश्री अवार्ड की घोषणा होने के बाद उन्होंने सरकार का बहुत धन्यवाद दिया है साथ ही कहा की बुंदेलखंड का ये लोक नृत्य लुप्त ना हो इसके लिए वह स्कूल खोलना चाहते है जिसमे वह लड़को को ये सब सिखायेंगे।
छोटे कद के पांडे जब कमर में मृदंग बांध कर नाचते और पल्टी मारते तो लोग दांतों तले उंगली दवा लेते थे। राई नृत्य में उनका कोई मुकाबला नहीं था. हालांकि 94 साल की बुजुर्ग अवस्था में होने की वजह से रामसहाए पांडे को राई छोड़े बहुत वक्त हो गया है, लेकिन आज भी बुंदेलखंड अंचल में उनका कोई मुकाबला नहीं है, वह जापान, हंगरी, फ्रांस, मॉरिसस सहित कई बड़े मंचों पर राई नृत्य कर चुके हैं।
बता दे कि राई नृत्य बुंदेलखंड अंचल का एक प्रसिद्ध नृत्य है। राई नृत्य मे बेड़नियां नाचती हैं और पुरुष मृदंग बजाते हैं। इस नृत्य में पांगे गाई जाती है। मृदंग की थाप पर घुंघरुओं की झंकारती राई और उसके साथ नृत्यरत स्वांग लोगों का जमकर मनोरंजन करते हैं।
सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.