खास हैं इंदौर के ये शिवालय - एक साथ होते हैं चारों धाम के देवी-देवताओं व बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन
पूरे भारत देश में देवों के देव महादेव यानी भगवान भोलेनाथ की पूजा तो की ही जाती है साथ ही महाशिवरात्री पर एक अलग माहौल होता है। शिवालयों में सुबह से ही भक्त पहुँचते हैं और विशेष पूजा अर्चना करते हैं महाशिवरात्री पर बात करते हैं , मध्यप्रदेश के एक ऐसे शहर की की जहाँ 12 ज्योतिर्लिंग और चार धाम के दर्शन एक साथ होते हैं। जी हम बात कर रहे है मध्यप्रदेश के इंदौर की मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में आस्था की भक्ति में सालों पुराने मंदिर मौजूद हैं। जहां हर एक शिवालय की अपनी अलग विशेषता और इतिहास है। शहर से 12 कम दूर नेमावर रोड स्तिथ देवरगुडिया शिव मंदिर जिसे गुटकेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है की यहां का जीर्णोद्वार और निर्माण देवी अहिल्याबाई ने कराया था। साथ ही आपको बता दें की यहाँ बारिश के मौसम में गाय के मुख से पानी निकलता है जिससे शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। कहते हैं इस मंदिर में शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने से मनोबंछित फल मिलता है। यही नहीं मंदिर के अंदर एक कुंड भी है जो पुरे गांव की प्यास बुझाता है अब बात करते हैं शहर के पश्चिमी इलाके में स्तिथ भूतेश्वर मंदिर की, जो की 300 साल पुराना है यहाँ पर भगवान शिव शंकर शमशान भूमि पर विराजित हैं कहते हैं की यहाँ महादेव के सामने अंतिम संस्कार होने से मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है। यहाँ शिवरात्रि के दिन भक्तों का सैलाब उमड़ता है। जहाँ दूर-दूर से लोग आते हैं और भगवान शिव के दर्शन करते हैं इसके अलावा शहर के परदेशीपुरा में स्थित गेंदेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर जहां पर शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन एक साथ होते हैं। और यहां की खास बात ये है की ये 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर के गुम्बद पर स्थापित हैं साथ ही यहां पर चारों धाम के देवी देवताओ के दर्शन भी होते हैं। वैसे तो यहां साल भर शिवजी की भक्ति में कुछ न कुछ आयोजन चलता ही रहता है लेकिन महाशिवरात्रि के विशेष पावन पर्व पर भगवान् शिवजी के 5 दिन का विवाह आयोजन किया जाता है जिसमें शहर के लोग बड़े ही उत्साह के साथ शामिल होते हैं और भगवान के विवाह के साक्षी भी बनते हैं।