सागर/रहली हमनाम के खाते में पहुँची आवास की राशि ईमानदारी की मिशाल पेश करते हुए की वापिस
सागर जिले की रहली ब्लाक की ग्राम पंचायत कंदला से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है।गाँव में एक ही नाम और एक ही जाति के दो लोग रहते है।तकनीकि कारणों से एक व्यक्ति की पीएम आवास की क़िस्त दूसरे व्यक्ति के बैक खाते में जमा हो गई तो दूसरे व्यक्ति ने रोजगार सहायक पर हेराफेरी का आरोप लगा दिया पीएम आवास योजना के तहत 2011 की आवासहीनों की सूची को आधार मानकर आवास स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है।कंदला ग्राम पंचायत की 2011 की सूची में गोकुल पटैल का नाम शामिल है लेकिन इस नाम के दो सजातीय व्यक्ति गाँव में निवासरत है।आवास योजना के पोर्टल पर तकनीकि त्रुटि के कारण हितग्राही के पिता का नाम नही खुला झोपड़ी में रहने वाले गोकुल पटैल को नियमानुसार कागजी खनापूर्ती कर आवास स्वीकृत किया गया और प्रथम क़िस्त की 25 हजार रुपए की राशि हितग्राही के बैक खाते में नियमानुसार जमा कर दी गई।गोकुल पटैल नाम के अन्य व्यक्ति द्वारा जब आवास का दावा किया गया तो मामले की छानवीन की गई और दूसरे गोकुल का सही पाया गया।इसके वाद रोजगार सहायक अभिषेक पाण्डेय के द्वारा गोकुल पटैल को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया गया और राशि वापिस करने का कहा गया तो झोपड़ी में रहने वाले गोकुल पटैल ने खुशी खुशी राशि शासन को लौटा दी।गोकुल ने ईमानदारी की मिशाल पेश की है वह अनुकरणीय है।इस मामले में रोजगार सहायक अभिषेक पाण्डेय पर लेनदेन कर आवास परिवर्तित करने के आरोप लगाए गए थे जो बेबुनियाद साबित हो गए है।पीएम आवास के ब्लाक समन्वयक अक्षय चौरसिया ने बताया कि रोजगार सहायक अभिषेक पाण्डेय पर लगाए गए आरोप गलत और निराधार है।