अपनी जन्मभूमि पहुंचे आचार्य श्री विराग सागर महाराज का भव्य स्वागत और अगवानी || STVN INDIA ||
आचार्य श्री विराग सागर महाराज जो दमोह जिले के पथरिया में जन्में हैं उनका रविवार को नगर आगमन हुआ। वह भिंड से चलकर शनिवार शाम केरबना गांव पहुंचे थे। जहां उनका रात्रि विश्राम हुआ। वो सुबह पद विहार करते हुए पथरिया पहुंचे। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। ढोल नगाड़ों की धुन और आचार्य श्री के जयकारों से नगर गूंज उठा। वहीँ जगह-जगह कलश लेकर खड़ी महिलाओं ने उनका स्वागत किया। रास्ते में सभी धर्म समाज के लोगों ने उनकी अगवानी की। बताया गया की आचार्य जी यहां पर एक हफ्ते तक विरागोदय तीर्थ में रुकेंगे। जहां वो 2023 में होने जा रहे पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव की तैयारियों का जायजा लेंगे। आपको बता दें की आचार्य विराग सागर महाराज का जन्म पथरिया में 2 मई 1963 में हुआ। इनके पिता कपूरचंद और मां श्यामा देवी हैं। इनकी दीक्षा की शुरुआत 2 फरवरी 1980 को शहडोल के बुढ़ार में सन्मति सागर महाराज की छुलल्क दीक्षा से हुई। इसके बाद औरंगाबाद में आचार्य विमल सागर महाराज ने 9 दिसंबर 1986 को इन्हें मुनि दीक्षा दी। वहीँ छतरपुर के द्रोणागिरी में 8 नवंबर 1992 को उन्हें आचार्य श्री की उपाधि दी गई। आचार्य विराग सागर महाराज एक हफ्ते तक पथरिया के विरागोदय में रहेंगे। इसके बाद 27 मार्च को यहां से पद विहार करते हुए मिर्जापुर के लिए रवाना होंगे।