अभ्यारण्य की वजह से 32 गांवों के किसान परेशान गांव में शादी तक नहीं कर रहा कोई !
एमपी के शिवपुरी में 40 साल पहले वजूद में आया सोन चिरैया अभ्यारण्य 32 गांवों के किसानों के लिए जीवन मरण का संकट बन गया है। इन गाँवों के 202 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में भूमि-भवन की खरीद बिक्री पर रोक है। इस कारण जो किसान केवल खेती किसानी पर निर्भर हैं। उनके बच्चों की शादी तक नहीं हो रही है। आड़े वक्त में वे जमीन बेचने में असमर्थ हैं। क्योंकि पता नहीं कब इन्हें इस क्षेत्र से बेदखल कर दिया जाए। इन गांवों की पूरी जमीन राजस्व विभाग की है। इसका 40 साल में न तो भूमि का वन विभाग को हस्तांतरण हुआ है। और न ही किसानों को कोई मुआवजा मिला है। जिसको लेकर किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि 40 साल पहले यह अभ्यारण्य बना। तभी से 32 गांवों की भूमि और भवन के विक्रय पर प्रतिबंध है। जबकि खदानों में अवैध खनन खूब चल रहा है। यहाँ एक भी सोन चिड़िया नहीं है। लेकिन उसके नाम पर विभाग को खूब धन मिल रहा है। आंदोलन का संचालन कर रही भारतीय किसान यूनियन की प्रदेश प्रवक्ता का कहना है। कलेक्टर ने ज्ञापन नही लिया और अभद्रता से बात की गई। वहीँ मामले में एसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना है। की ज्ञापन लिया गया है जिसे आगे भेजा जाएगा।