सागर- आस्था का केंद्र बनी खेर माई मंदिर की प्राचीन देवी प्रतिमा
चैत्र नवरात्र के चलते भक्त मां की आराधना में डूबे है। वहीँ सागर जिले के रहली के वार्ड नंबर 9 में स्थित खेर माई मंदिर की बात ही निराली है। इस मंदिर में देवी जी की पाषाण प्रतिमा उतनी ही आस्था का केन्द्र बनी है जितनी सदियों पहले थी, दूर-दराज से लोग यहां देवी प्रतिमा पर जल अर्पित करने आते हैं। रहली के इस देवी मंदिर को शीतला माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और मातारानी के दर्शनों के लिए भीड़ उमड़ रही है। बताया जाता है कि मुगल काल में यह मंदिर क्षतिग्रस्त कर दिया था। तब कुछ भक्तों ने इस मंदिर की प्रतिमाओं को मंदिर के भीतर ही गड्डा खोदकर जमीन में सुरक्षित रख दिया था। जिससे यह प्रतिमाएं बच गई। लेकिन बाकी प्रतिमाओं को खंडित कर दिया था। हालांकि आज भी कई खंडित मूर्तियाँ मंदिर परिसर में ही जमींन के भीतर दबी पड़ी हैं। कुछ लोग इस मंदिर को खेरमाई के नाम से जानते है ऐसा इसलिए क्योंकि यह पूरे एरिया में यह अकेला मंदिर हुआ करता था। जहाँ बीमारी से निजात दिलाने वाले देवी देवता की मूर्तियां विराजमान थी।