सागर महापौर चुनाव 2022:देवरानी Nidhi Sunil Jain को Mayor बनने में रोकेगी जिठानी Anu Shailendra Jain
राजनीति जो न करवाए वो कम है। सागर एक बार फिर एक परिवार राजनीति की भेट चढ़ने वाला है। ये हम इसलिए बोल रहे है क्योकि पिछले विधानसभा चुनाव में जहाँ बालक बीड़ी यानि बीएस जैन परिवार एक तरह से टिकट की लड़ाई में टूट गया और चाचा भतीजे के रिश्तो में ऐसी खटास आई जो शायद अब इस परिवार में लम्बे वक़्त तक रहेगी।
ठीक उसी तरह अब ढोलक बीड़ी परिवार के साथ भी ऐसा होने जा रहा है। बड़े भाई बीजेपी से विधायक शैलेन्द्र जैन अपने छोटे भाई कांग्रेस नेता पूर्व विधायक सुनील जैन के निकाय चुनाव में अपनी पत्नी यानि शैलेंद्र जैन की बहू को सागर नगर निगम के महापौर पद के लिए कॉंग्रेस् के टिकट पर मैंदान में उतारे जाने जा रहे है जिस से विधायक शैलेन्द्र जैन न सिर्फ चिंताएं बढ़ गयी है बल्कि वो एक तरह से कड़घरे में खड़े दिखाई दे रहे है।
ऐसे में उनके इस पारिवारिक और सियासी संकट में उन पर जगह अविश्वास बढ़ता दिखाई दे रहा है वही दूसरी तरह इस चुनाव में उनकी पत्नी अनु जैन की भूमिका काफी एहम मानी जाएगी। एक तरह से अगर पार्टी में विधायक शैलेन्द्र जैन को अपनी साख बचानी है तो उनकी पत्नी अनु जैन को न सिर्फ बीजेपी के प्रत्याशी के साथ कदम से कदम मिला कर चलना होगा बल्कि अपनी देवरानी की जीत में रोड़ा बनना होगा। आइये देखिए ये खास रिपोर्ट
ये एक चुनावी लड़ाई है, ये एक सियासी लड़ाई है एक लड़ाई साख की है परिवार की है राजनीति में आगे बढ़ने की है अपनी राजनीति बचाने की है। लड़ाई पद से ज्यादा प्रतिष्ठा की है। जब सियासत में वो पड़ाव आ जाये की आपके सामने पार्टी और परिवार हो और आपको दोनों में से किसी एक को चुनना हो ऐसे मोड़ पर आपके भीतर क्या पसोपेश चल रहा होगा इस का ताजा उद्धरण सागर नगर विधायक शैलेन्द्र जैन और उनकी पत्नी अनु जैन है। विधायक शैलेन्द्र जैन के लिए ये महापौर पद के लिए होने जा रहा चुनाव बहुत महत्पूर्ण है लेकिन उनसे भी ज्यादा महत्पूर्ण उनकी धर्मपत्नी अनु जैन के लिए है साल 2018 का चुनाव आपको याद होगा तब वो एक ढाल की तरहविधायक शैलेन्द्र जैन के लिए खड़ी रही और अंत में विजयश्री भी हासिल हुई लेकिन इस बार मामला दूसरा इस बार जगह मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी और विधायक शैलेन्द्र जैन की छोटे भाई सुनील जैन की बहू से है जो की रिश्ते में अनु जैन की देवरानी है तो न चाहते हुए भी अपने पति की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए एक तरह से जिठानी को देवरानी का जीत का रास्ता रोकना होगा। महिलाओ में पिछले लम्बे वक़्त से उन्होंने जो अपनी एक छबि बनाई है ये वो वक़्त है की उन्हें अपने अपनी की साख बचाने के लिए बीजेपी के प्रत्याशी को जीत दिलवानी होगी। एक तरह से ढोलक परिवार में होने वाली फॅमिली पॉलिटिक्स में देवरानी और जिठानी आमने सामने होगी और दाव पर लगी होगी विधायक शैलेन्द्र जैन की साख।
फ़िलहाल बीजेपी का महापौर पद का चेहरा कौन होगा ये अभी तय नहीं हो पाया है लेकिन चेहरा कोई भी हो प्रतिष्ठा विधायक शैलेन्द्र जैन की दाव पर लगी होगी ऐसे में उनकी धर्म पत्नी अनु जैन ही वो शक्श है जो उन्हें धर्म संकट से उभारने ने एहम भूमिका निभाएंगी।