लंबा अनुभव और राजनीतिक प्रबंधन में माहिर नेताओं के रहते क्यों बिखर रही है कांग्रेस ? || STVN INDIA
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने लंबे समय बाद सत्ता में वापसी की थी। इसमें कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजिय ने मोर्चा संभाला था। लेकिन महज डेढ़ साल में ही पार्टी बिखर गई। इसमें कांग्रेस नेतृत्व पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। विधासनभा चुनाव 2018 की बात की जाए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जहां मैदानी स्तर पर मोर्चा संभाला वहीं, पूरे चुनाव के दौरान कमलनाथ का प्रबंधन नजर आया। कमलनाथ ने हर सीट पर उम्मीदवारों का सर्वे कराया और 15 सालों बाद राज्य में पार्टी को सत्ता दिलाई। हालांकि सत्ता में वापसी का कारण एक खेमा ज्योतिरादित्य सिंधिया को बता रहा था था तो दूसरा खेमा कमलनाथ को। दिग्विजय सिंह विधानसभा चुनाव के दौरान पर्दे के पीछे से रणनीति तय करते रहे और तीनों नेताओं के प्रयास के पार्टी को सत्ता मिली। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगाबत के बाद कांग्रेस के हाथों से प्रदेश की सत्ता फिसल गई। अब कांग्रेस के विधायक लगातार इस्तीफा दे रहे हैं। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे अनुभवी और राजनैतिक प्रबंधन में माहिर नेताओं का गणित भी फेल हो रहा है। कांग्रेस नेताओं को विधायकों के पार्टी से जाने की भनक तक नहीं लग रही है। इन इस्तीफों ने एक बार फिर से पार्टी के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के अब तक 25 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। जबकि प्रदेश में दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी सत्ता में थी। महज डेढ़ सालों में पार्टी में हो रही लगातार फूट कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है।