दोस्ती...प्यार...और धोखे की आपने कई कहानियां सुनी होंगी। लेकिन आज हम आपको दोस्ती...प्यार और फिर गांव की प्रधान बनने की कहानी बता रहे हैं। यह कहानी है 21 साल की जानकी गौंड की। उसने 4 साल पहलेगौरव पटेल से लव मैरिज की और घर बसाया,उस समय उसने जरा भी नहीं सोचा था कि वह कभी गांव की प्रधान बनेगी। लेकिन आज सागर जिले की केसली जनपद की ग्राम पंचायत देवरी नाहरमऊ में सबसे कम उम्र की सरपंच बन गई।
चुनावी के लिए ग्राम पंचायत को एसटी महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया। एसटी महिला सीट होने के बाद गांव में सरपंच प्रत्याशी की तलाश हुई तो सिर्फ जानकी ही एक दावेदार निकली। इसके बाद गांववालों ने भी सर्वसहमति से निर्विरोध सरपंच बनाने का एकमत फैसला लिया। और जानकी निर्विरोध सरपंच चुनी गई। गांव के 16 वार्डों के पंच भी निर्विरोध बन गए। सरपंच चुने जाने के बाद जानकी कहती है कि गांववालों के भरोसे को तोडूंगी नहीं। पांच साल में इतना काम करूंगी की अगली बार भी इस पंचायत में मैं ही सरपंच बनू।
बता दे कि ग्राम पंचायत देवरी नाहरमऊ में सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार करीब 10 आदिवासी परिवार रहते हैं। लेकिन यह परिवार पिछले वर्षों में अलग-अलग समय पर गांव छोड़कर चले गए। 4 साल पहले जानकी ने प्रेम विवाह किया और वह गांव में ही रहने लगी। यदि लव मैरिज कर जानकी गांव में नहीं रह रही होती तो ग्राम पंचायत में सरपंच चुनाव के लिए दोबारा आरक्षण की प्रक्रिया करना पड़ जाती।