बुंदेलखंड का एक ऐसा गांव जहां 39 साल से कोई थाने या कोर्ट-कचहरी नहीं गया
बुंदेलखंड का एक ऐसा गांव जहां 39 साल से कोई थाने या कोर्ट-कचहरी नहीं गया
39 साल से बुंदेलखंड के इस गांव से कोई पुलिस थाने नहीं पहुंचा
बुंदेलखण्ड अंचल का एक गांव ऐसा भी है जहां पिछले 39 साल में एक भी मामला पुलिस थाने में दर्ज नहीं हुआ। यहां आज भी छोटे-बड़े सभी विवाद आपसी पंचायत के माध्यम से सुलझा लिये जाते हैं। हम बात कर रहे हैं। निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर पुलिस थाना क्षेत्र के हाथीवर खिरक गांव की। आज के समय में जहां मामूली विवाद कोर्ट कचहरी तक पहुंच जाते हैं। वहीं इस गांव के लोग बड़े-बड़े विवाद भी आपसी सहमति से ही सुलझा लेते हैं और इस गांव में सालों से पुलिस नहीं पहुंची। 225 लोगों की आबादी वाले इस हाथीवर गांव में मुख्य रूप से पाल और अहिरवार समाज के लोग रहते हैं। यहां के लोगों का मुख्य कार्य कृषि और बकरी पालन है। यहां के लोग विवादों से दूर अपने कामों में ज्यादा व्यस्त रहते हैं। और कभी कुछ भी हो भी जाता है। तो गांव में पंचायत कर मामले को वहीं खत्म कर देते है। साथ ही विवाद के बाद भी लोगों के मन में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं रहता सभी मिल-जुलकर रहते हैं। गांव की महिला प्यारी बाई पाल ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं जाना कि गांव में कोई विवाद हुआ है। कभी कभार छोटे-मोटे विवाद हुये भी तो उन्हें गांव में ही सुलझा लिया जाता है। वहीं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी संतोष पटेल ने बताया कि गांव का विलेज क्राइम नोटबुक चेक कराया तो यहां पर साल 1983 के बाद से आज तक कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया है।----------------