सागर-सागर स्मार्ट सिटी आखिर क्या चाहती है अब जानवर भी सुरक्षित नहीं !
सागर-सागर स्मार्ट सिटी आखिर क्या चाहती है अब जानवर भी सुरक्षित नहीं !
सागर स्मार्ट सिटी के कारनामे जानवर भी सुरक्षित नहीं !
अक्सर इस बात को कहा जाता है की एक काम तो किया नहीं और दूसरा बढ़ा दिया। इन दिनों सागर स्मार्ट सिटी पर भी यही आरोप लग रहे हैं। लोग पहले ही बारिश का पानी घरों में घुसने से परेशान थे। तो खुले पड़े नालों से मुसीबत और भी बढ़ गयी है। मंगलवार को सूबेदार वार्ड इलाके में दो सांड आपस में लड़ पड़े। अंजाम ये हुआ की पहले एक सांड नाले में गिरा फिर दूसरा भी वहीं जा गिरा। ये देख लोगों का मजमा लग गया। आफत ये हुई की सांडों को बचाना है। लोगों ने अपने तरीके से रेस्क्यू शुरू किया लेकिन सफलता नहीं मिली। क्योंकि संसाधन कम थे और सांड भारी भरकम थे। इसके बाद लोगों ने मौके पर सांडों को बचाने के लिए जेसीबी बुलाई उससे प्रेस किये गए इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो क्रेन बुलाने पड़ी तब कहीं जाकर सांडों को नाले से बाहर निकाला जा सका। लेकिन इस सब में तकरीबन तीन घंटे का समय लग गया। हालाँकि ये कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी स्मार्ट सिटी द्वार बनाये गए नालों और खोदे गए गड्ढों में जानवर ही नहीं लोग तक गिर चुके हैं। लेकिन स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार हैं की अपनी गलती मानते है नहीं क्यिंकि उनके हिसाब से तो सब बढ़िया ही चल रहा है। अभी हाल ही की बात ले लीजिये जहां कई जगहों पर स्मार्ट सिटी की गलती से घरों में पानी भर गया। यही नहीं कई जगहों पर कारें तक फंस गयी थी। जिसकी गलतियों के आरोप सागर स्मार्ट सिटी पर ही लगे थे।