एमपी की बेटी का कमाल लोको पायलट बनकर नाम किया रोशन
क्या खूब कहा है किसी ने आसमान में भी सुराख हो सकता है एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, एक बेटी ने भी ऐसा ही कमाल कर दिखाया है। एमपी के रतलाम जिले की रहने वाली स्वर्णा सोनी अपनी कड़ी मेहनत और लगन के चलते गुजरात के वलसाड में लोको पायलट बन गयी है। जी हाँ आज के ज़माने में बेटियां किसी से कम नहीं है वो अपने आपको लगातार साबित करते हुए समाज, देश और परिवार का भी नाम रोशन कर रही हैं। रतलाम शहर में जन्मी स्वर्णा बचपन से ही होनहार थी। स्वर्णा ने अपनी स्कूली शिक्षा रतलाम में ही की है। हमेशा ही जी तोड़ मेहनत की और सच्ची लगन से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। उसके बाद 2016 में रेलवे के मुम्बई डिवीजन के वलसाड में सहायक लोको पायलट के पद पर नियुक्त हुई थी। बीते 6 सालों की मेहनत के बाद 24 जुलाई को पदोन्नति मिली है। जंहा स्वर्णा से पहले तक वलसाड में कोई महिला लोको पायलट नहीं थी। वही स्वर्णा ने लोको पायलेट बनके एक अलग ही पहचान बना ली है। उसके पति राकेश हिरामण तायड़े भी वलसाड में रसायन और धातु-कर्मी अधीक्षक के पद पर नियुक्त हैं। वहीं बेटी की इस उपलब्धि से परिवार में भी ख़ुशी का माहौल है।