सागर किले में 370 अंग्रेज 222 दिन तक क्रांतिकारियों के खौफ से बंद रहे

 75 वा स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए पूरे भारत में जोश और उत्साह है हर व्यक्ति के दिल में राष्ट्रप्रेम की भावना है लेकिन हमें इस आजादी के लिए उन लोगों के बलिदान और संघर्ष को भी याद करना चाहिए जिन्होंने अपने प्राणों को न्यौछावर कर हमें आजादी दिलाई थी तो कई बार अंग्रेजों से जबरदस्त संघर्ष किया था जो इतिहास में दर्ज हैं, तो कई बार क्रांतिकारियों के संघर्ष का अंग्रेजो को भी लोहा मानना पड़ा, 1857 में ब्रिटिश हुकूमत की मजबूत छावनी रही सागर किले में क्रांतिकारियों के खौफ से 370 अंग्रेज 222 दिन तक बाहर नहीं निकल सके थे। एक अंग्रेजी अखबार में यह खबर छपने से ब्रिटिश हुकूमत को अपनी जड़े उखड़ती नजर आने लगी थी। जिसके बाद ब्रिटेन से ब्रिगेडियर सेजे को क्रांति का दमन करने के लिए भेजा गया था पश्चिमी द्वार कहे जाने वाले राहतगढ़ किले के पास क्रांतिकारियों ने और अंग्रेजी सेना के बीच 1858 में 27- 28- 29 जनवरी को जोरदार घमासान हुआ था।

डॉ हरिसिंह गौर विश्व विद्यालय के इतिहास विभाग के विभाध्यक्ष प्रो बी के श्रीवास्तव अपनी किताब बुंदेलखंड के इतिहास में लिखते है कि अंग्रेजों की नीति और शोषण से लोग इतने परेशान थे कि ब्रिगेडियर से सजे ने कभी भी क्रांति आरंभ होने की आशंका जाहिर कर दी थी इसके बाद सागर में 1 जुलाई 1857 को शेख रमजान ने मस्जिद से नगाड़ा बजाकर क्रांति का ऐलान किया था, जुलाई महीने में हीसागर के किले को छोड़कर समस्त सागर और आसपास के गांव पर क्रांतिकारियों का अधिकार हो गया था, सागर के किले पर फतह हासिल करने क्रांतिकारियों ने बार बार आक्रमण किया, मगर यह मजबूत किला तोड़ा ना जा सका,
प्रोफेसर बीके श्रीवास्तव कहते है कि सागर के किले को तोडा भले ही ना जा सका हो मगर क्रांतिकारियों की बाहरी गतिविधियों के समाचारों ने किले के अंदर स्थित अंग्रेजी महिला पुरुषो पर निरंतर खौफ कायम रखा उन्हें इसके लिए पूरे 222 दिन बाद उस समय मुक्ति मिल स्की जब जनरल ह्यूरोज ने सागर में 3 फरवरी 1858 को क्रांति का दमन किया,


By - sagartvnews
15-Aug-2022

YOU MAY ALSO LIKE

Sagartvnews subscribe on youtube



NEWSLETTER

सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.