सागर-गोवर्धन मेले में बुंदेली संस्कृति के रंग बिखरे, विधायक ने पत्नी के साथ झूले का आनंद लिया
सागर की रिमझिरिया पहाड़ी पर दिवाली के दूसरे दिन शुरू हुआ गोवर्धन मेले में बुंदेली संस्कृति के रंग बिखरे। यहां के गोवर्धन मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ दिवरियाई नृत्य शुरू हुआ। मेले में सुबह से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। दोपहर बाद भीड़ बढ़ी। भीड़ के कारण मंदिर में भगवान की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु बेताब नजर आए। शाम तक चले मेले में लोगों ने खूब मौज और खरीदारी की। बच्चों ने झूलों का आनंद लिया। वही इस मेले से सागर विधायक शैलेंद्र जैन अपनी पत्नी के साथ पहुंचे जहां पति पत्नी ने हिंडोलने का आनंद लेते नजर आये बता दे कि इस पहाड़ी पर पहले छोटी से मढ़िया हुआ करती थी जहां से भगवान् की मूर्ति चोरी हो जाती थी लेकिन साल 1992 में यहां बड़ा मंदिर का निर्मण हुआ फिर एक बड़ी प्रतिमा में स्थापित की गई। तब से यहां की भव्यता और अधिक बढ़ गई है। ऐसा बताया जाता है कि पहाड़ी के निचले क्षेत्र में पानी की कमी है लेकिन पहाड़ी के ऊपर मंदिर के आपस जो कुंआ है वहां कभी पानी की कमी नहीं आती है।