आस्था या अंधविश्वास,बच्चों को गोबर में फेंकने की परंपरा, डॉक्टर बता रहे खतरनाक ! | SAGAR TV NEWS |

 

अजब एमपी में एक गज़ब परम्परा भी है जहां गोवर्धन पूजा के दौरान बच्चों को गोबर में फेंका जाता है। लोगो की मान्यता है कि गोबर में डालने से बच्चे साल भर तंदुरुस्त रहते हैं। जबकि डाक्टर इस परम्परा को खतरनाक बताते हैं। गोबर के बीच रोते बिलखते मासूम बच्चों को देख किसी का भी दिल भर आये लेकिन उनके माँ बाप को ही उन पर दया नहीं आती। तस्वीरें एमपी के बैतूल की हैं। जंहा कृष्ण पुरा वार्ड में गोवर्धन पूजा के बाद बच्चों को गोबर में इसलिए डाला जाता है कि बच्चे साल भर तंदुरुस्त रहेगे। दरअसल लोगों की मान्यता है कि जैसे भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर ग्वालों कि रक्षा की थी तभी से यह समाज कि मान्यता हो गई कि गोवर्धन उनकी रक्षा करते है और इसी को लेकर बच्चो को गोबर में डाला जाता है।
बुधवार को गोवर्धन पूजा की गई जिसकी तैयारी पहले से की जाती है। ग्वाल समाज के लोग गोबर इकठ्ठा करते हैं। जहां बड़े आकार में गोवर्धन बनाये जाते हैं।
ग्वाल समाज के नरेंद्र यादव का कहना है की यह परम्परा तब से शुरू हुई जब से भगवान कृष्ण ने गोबर्धन पर्वत उठाया था। तभी से गोबर्धन की पूजा की परंपरा शुरू हुई। पूजा के बाद बच्चों को इसलिए डालते है जिससे वे निरोगी रहे।
हालांकि ये सब गांव में नहीं बल्कि शहर में हो रहा है। जहां शिक्षित लोग भी अन्धविश्वास में पढ़े हुए हैं।
वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिन देशमुख कहते हैं की बच्चों के मामले में थोड़ा सतर्कता बरतनी चाहिए गोबर में बैक्टीरियल वायरस और अन्य कई तरह के कीड़े होते हैं जो बच्चों की स्क्रीन में इंफेक्शन फैला सकते है।--------


By - Mahesh Chandel betul
27-Oct-2022

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