प्रसिद्द शिवधाम कुन्डेश्वर में मोनिया का मेला,जमकर नाचे मोनिया || SAGAR TV NEWS ||
बुन्देलखण्ड की पर्यटन और धार्मिक नगरी शिवधाम कुन्डेश्वर में मोनिया के मेले की शुरुआत हो गयी है। जहाँ मोनियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी। दरअसल टीकमगढ के शिव धाम कुंन्डेश्वर में दीपावली के बाद मोनी परमा पर गोवर्धन पूजा के बाद ग्रामीण अंचलो से हाथों में मोर पंख के साथ लाठी लेकर ढोलक,नगडिया की थाप पर दिवारी गीत गाकर अपना नृत्य का प्रदर्शन करते हुए मोनिया आते हैं। जो भगवान कृष्ण के सखा बनकर टोलियो में हजारों की संख्या यहां आते हैं। मोनिया अपने गांव के मेढे से मौन वृत लेकर चलते हैं। और 12 गांव में अपने नृत्य को दिखाते हुए कुंडेश्वर पहुंचते हैं। मन्दिर में बधाई, बरेदी, चाचर नृत्य का प्रदर्शन कर दिवारी गीत गाते हुए नाचते हैं। मोनिया नृत्य को देखने कुन्डेश्वर में बड़ी संख्या में ग्रामीण यहां पर आते हैं। कुंडेश्वर में दीपावली के दूसरे दिन से मोनिया की मंडलियों का मेला लगना शुरू हो जाता है। और देव उठनी ग्यारस तक समुचे बुन्देलखण्ड के ग्रामीण अंचलो में चलता है। मोनिया में युवा हाथों में लाठी, मोर पंख लेकर बरेदी बनकर नाचते है वहीं उनकी टोली में कुछ लोग महिलाओ के कपड़े पहनकर भी नाचते हैं। और कुछ युवक अलग ही परिधान में रहते हैं। बता दें की यह अपने गांव के कारस देव बाबा के मंदिर से मौन व्रत लेकर शुरू करते हैं। और लौटकर वहीं अपना मौन व्रत खोल कर पूजा पाठ करते हैं। केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने कहा की ग्रामीण अंचलों में मोनिया का विशेष महत्व है। जिनका सभी बहुत सम्मान करते हैं। इनका आना शुभ माना जाता है। वहीं कुन्डेश्वर मन्दिर के पुजारी जमुना प्रसाद तिवारी ने बताया कि दीपावली के दूसरे दिन से यहां पर हजारों की संख्या में मोनिया आते हैं और अपने नृत्य का प्रदर्शन करते हैं। यह सिलसिला देव उठानी ग्यारस तक चलता है।------