अब तक कड़कनाथ प्रजाति मुर्गे की डिमांड के लिए झाबुआ पहचाना जा रहा था, लेकिन अब बुंदेलखंड में भी इस प्रजाति के मुर्गें और मुर्गियों की बांग सुनाई देने वाली है। सागर के 5 विकासखंड रहली, देवरी, बंडा, जैसीनगर और मालथोन में इस प्रजाति के चूजों का लालन पालन शुरू किया है। बता दे कि सागर में आजीविका मिशन के तहत चल रहे स्व सहायता समूहों के लिए झाबुआ कृषि विज्ञानं केंद्र से 450 चूजे लाये गए थे। जिनका जिले के अलग अलग विकास खंडो में पालन किया जा रहा है। जल्द ही इसका और विस्तार किया जाएगा। कृषि एक्सपर्ट अनूप तिवारी ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गी पालन करने के लिए बुंदेलखंड की जलवायु सही है। कड़कनाथ मुर्गा काले रंग का होता है। उसके बाकी अंग भी काले ही होते हैं। इस प्रजाति के मुर्गें में प्रोटीन ज्यादा होता है, ह्रदय, डायबिटीज रोगियों के लिए कड़कनाथ सुपाच्य होता हैं। जिला पंचायत सीईओ इच्छित गढ़पाले ने बताया कि सागर में कड़कनाथ का व्यापार करने के लिए मुर्गी पालन करवाया जा रहा है। अभी झाबुआ से चूजे लाकर इसकी शुरुवात की है। स्व सहायता समूहो के द्वारा चूजे खरीदकर इनका पालन किया जा रहा है। जल्द ही इनका और विस्तार किया जाएगा।